आपकी असफलता की वजह और कोई नहीं आप खुद हैं

आपकी असफलता की वजह और कोई नहीं, आप खुद हैं। एक बार एक किसान था। वो किसी बेकरी वाले बेकर को एक किलो मक्खन (butter) बेचता था। एक दिन बेकर ने सोचा की मुझे मक्खन का वजन करके देखना चाहिए, की ये किसान मुझे एक किलो मक्खन बेच रहा हैं या उससे कम दे रहा हैं।

आपकी असफलता की वजह आप खुद हैं

तो बेकर को पता चला की वो एक किलो मक्खन नहीं हैं वो उससे कम हैं। बेकर इस गड़बड़ी से क्रोधित हो गया। वो बेकर किसान को कोट तक ले गया।

कोट में जज ने किसान से पूछा, “आप बेकर को जो रोज मक्खन देते हो, उसे आपने एक किलो कैसे मापा था। तो किसान ने जज को जवाब दिया की जज साहब मैं पहले के वक्त का हूँ मेरे पास मापने का कोई उचित उपकरण नहीं हैं।

किसान के इस जवाब को सुनकर जज ने किसान से पूछा की तो फिर तुम मक्खन कैसे मापते हो, मतलब एक किलो मक्खन कैसे तोलते हो।

किसान ने जज को जवाब दिया, “जज साहब ये बेकर मुझसे काफी समय से एक किलो मक्खन खरीद रहा हैं और साथ ही मैं इनसे एक किलो ब्रेड खरीद रहा हूँ।

तो जब पहली बार इन्होनें मुझे ब्रेड दिया तो मैंने उस ब्रेड को मापकर स्केल बना लिया। मैंने एक पत्थर ब्रेड के वजन का खोजा और फिर मैंने उसी पत्थर से तोल-तोल कर इस बेकर को आज तक एक किलो मक्खन दिया।

जज साहब अगर इस बेकर को मेरी वजह से एक किलो मक्खन जो मिला था उसका वजन कम हैं तो वो उस पत्थर की वजह से हैं जिसका एक किलो का अंदाजा मैंने इनके द्वारा दिया गया पहली बार ब्रेड से लगाया था।

अगर इसका वजन एक किलो से कम हैं तो इसमें मेरा नहीं इस बेकर का कसूर हैं।

ठीक इसी तरह हम अपनी जिंदगी में जब कुछ कर नहीं पाते हैं, कुछ बन नहीं पाते हैं, जो भी सपने हैं तो हम उसका कारण किसी चीज को, किसी इंसान को, किसी समय को या किसी जगह को बना लेते हैं।

जब कोई इंसान जिंदगी में कुछ अच्छा और बड़ा कर नहीं पाता हैं तो ठीक उस बेकर की तरह दूसरों को दोषी ठहराता हैं, बल्कि वास्तव में हम सब अपनी जिंदगी में जहाँ पर भी होते हैं, चाहे अच्छी जगह हो या फिर बुरी, वो सब पद हमारी वजह से हैं।

हमारी असफलता की वजह, हमारे फ़ैल होने का कारण और कोई नहीं हम खुद होते हैं और हम अपने कर्मों की वजह से ही फ़ैल होते हैं। कहा जाए तो, हमारी असफलता का मुख्य कारण हम खुद होते हैं।

आप आज जहाँ पर भी हैं, जिस मुकाम पर हैं तो सिर्फ अपनी बदौलत से हैं। यदि आपकी स्तिथि ख़राब हैं तो इसके जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि आप खुद हैं।

अक्सर, हम किसी काम में फ़ैल हो जाते हैं तो हम हमारी असफलता की वजह किसी और को ठहराते हैं जबकि हम खुद उसका कारण होते हैं जैसे आपको इस पोस्ट में किसान और बेकर की छोटी सी कहानी से पता चला हैं।

यदि आपको इस पोस्ट से अच्छी सीख मिले तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करें।

सीख:- हमारे फ़ैल होने का कारण और कोई नहीं, हम खुद हैं।

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मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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