राजा और उसकी तीन बेटियों की ज्ञानवर्धक कहानी

हर आदमी का एक भाग्य होता है और कोई भी किसी का भाग्यविधाता नहीं होता है) इस कहानी में किसी राज्य पर एक राजा राज करता है उसकी तीन बेटियों भी थी. राजा खुद को बहुत नेकदिल व्यक्ति मानता था और उसकी गलतफहमी थी की उसकी तीनों बेटियों का भाग्य उसकी मुट्ठी में है पर ये गलत है क्युकी हर आदमी का भाग्य उसके खुद के हाथ में होता है. हम खुद अपना भाग्य बनाते है पर यही बात राजा को उसकी तीसरी बेटी ने समझायी, तब से उसको समझ आ गया की किसी आदमी का भाग्य खुद उसके हाथों में होता है. मुझे लगा इस कहानी से आपको कुछ अच्छी सिख मिलेगी, इसलिए आपके साथ शेयर की आओ पढ़ते है।

Raja Ki Kahani

पुराने जमाने कि बात है, एक राजा था जो अपने विचार, विवेक और नेकदिली पर बहुत ज्यादा भरोसा करता था उसे लगता था कि वो दूरदर्शी, न्यायी और विचारशील व्यक्ति है।

एक दिन राजा ने अपनी तीनों बेटियों को बुलाया और कहा – जो मेरा है वो सब तुम्हारा है मुझसे ही तुम तीनों को जीवन मिला है, और मेरी ही इच्छा से तुम्हारा भूतकाल, वर्तमान और भविष्य बना है और बनेगा, तुम तीनों का भाग्य मेरी मुट्ठी में है।

राजा के इतना कहने पर उसकी दो बेटियों ने शांत भाव से हा कर दी पर तीसरी बेटी ने कहा – हालांकि मुझे भी हा कहनी चाहिए लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरा भाग्य आपकी मुट्ठी में है।

राजा इस बात को सुनकर गुस्सा हो गया और अपनी बेटी के इन कथनों को चुनोती समझा – “उसने खुद को सही साबित करने का फैसला लिया और अपनी तीसरी बेटी को जेल में कैद कर दिया।

तीसरी बेटी कई सालों तक जेल में पड़ी रही. राजा और उसकी दो बेटिया अपने जीवन का मजा लेते रहे.

राजा यही सोचता कि मेरी जिद्दी बेटी मेरे हुक्म और इच्छा से जेल में बंद है और कोई भी यही समझेगा की राजा का हुक्म चला और वही हुक्म इस लड़की का भाग्य बन गया।

सभी लोग यही सच समझने लगे की “राजा की बेटी ने जरुर कुछ ऐसा किया होगा जिससे उसकी ये हालत है, वरना कोई राजा (बाप) अपनी बेटी को ऐसी सजा देना चाहे।

राजा भी कभी कभार अपनी बेटी को देखने आता रहा, उसकी बेटी अब बहुत कमजोर हो गयी थी पर उसका फैसला अभी भी वही था. राजा से अपनी बेटी की ये हालत ज्यादा दिनों तक देखी नहीं गई.

एक दिन राजा ने अपनी बेटी से कहा –  तुम्हारी ये जिद मुझे और गुस्सा दिलाती है अगर तुम मेरे राज में मेरी आखों के सामने रही तो ने जाने में क्या कर बैठूँगा।

मैं तुझे मौत की सजा सुना सकता हु पर मैं नेकदिल हु इसलिए मैंने फैसला लिया है की अब से तुम मेरे राज्य से जो सटी हुई जंगली जमीन है, जहा जानवरों का बसेरा है अब तुम भी वही रहोगी।

उस जंगल में मैंने उन लोगो को रखा जिन्होंने मेरे हुक्म का पालन नहीं किया और इसी वजह से वो जंगली जंगल उनका भाग्य बन गया, आओ तुम भी पागलों और मूर्खो के बिच अपनी जिद को पूरी करो।

बेटी को वहा जाना पड़ा क्युकी कोई और रास्ता नहीं था और उसको पेट भरने के लिए कंद-मूल, फल और सोने, रहने को गुफा और पिने के लिए झरने का पानी और तापने के लिए सूरज की धुप थी।

वह खुली हवा और फल फूलोँ से कुछ ही दिनों में तरोताजा हो गई, उसने खेती की और फसलें उगाई. गुफा को अपना घर बना लिया और उसी में अपना बसर करती रही।

एक दिन ने जाने कहा से एक भटकता गुआ राहगीर वहा आ पहुंचा तो वही हुआ जो सदा से होता आया है, राहगीर और राजा की बेटी में प्यार हो हुआ और वही अपनी दुनिया बसा ली।

जंगल में मंगल हो गया, और उन दोनों ने उस जंगल में रहने वाले अन्य लोगों की मदद से उनके साथ जंगली जंगल को एक शहर बना दिया, सरे इलाके में मेला लग गया।

कुछ सालों बाद राजा की बेटी (और वो राहगीर) उस शहर की रानी बन गई और उस शहर की चर्चा होने लगी, किसी तरह उस शहर के बारे में रानी के पिता को पता चला।

राजा उस जगह को देखने पहुंचा, पहुंचना भी था क्युकी जिन लोगों से वो नफरत करता उन लोगों ने इस देश में एक नई जगह बनाई थी।

वहा उसने अपनी जिद्दी बेटी को जब रानी के रूप में देखा और उसके साथ एक खुबसूरत युवक को देखा जो इस देश का राजा था, तो दंग रह गया।

बेटी ने अपने पिता का मुस्कुराकर स्वागत किया और अपने पिता से कुछ नहीं कहा पर राजा ने सुना और उसे आवाज सुनाई दी की “हर आदमी का अपना भाग्य होता और कोई भी किसी का भाग्यविधाता नहीं है।

राजा को खुद-बा-खुद अपनी गलती का एहसास हो गया उसने सब को अपने भाग्य पर छोड़कर आजाद कर दिया।

निष्कर्ष

इस कहानी का तात्पर्य ये है की किसी का भाग्य किसी के हाथ में नहीं होता बल्कि इंसान अपना भाग्य खुद बनाता है, जैसे राजा की बेटी ने जंगली जंगल में भी अपना भाग्य खुद बनाया।

राजा ने कहा – तुम तीनों का भाग्य मेरे हाथों में है पर ऐसा नहीं है हर व्यक्ति का भाग्य उसके खुद के पास होता है बस फर्क ये है की कोई बुरी परीस्थिति में भी अपना अच्छा भाग्य बना लेता है तो कोई नहीं बना पाता।

अगर आपको इस कहानी से कुछ सिख मिली है तो इस कहानी को सोशल मीडिया साइट्स पर अपने दोस्तों और अन्य लोगों तक शेयर करे।

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About Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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Comments (2)

  1. Avatar for Sharvan sankhlaSharvan sankhla

    हेलो भाई….. नमस्ते आपको लिखना पसंद है और मुझे लिखने वाले …..अगर आप लिख कर मुझे इस प्रकार की कहानियां दे सकते हो तो । जवाब जरूर दे । में आपको उसके बदले pay कर सकता हु…..

  2. Avatar for Kamlesh sainiKamlesh saini

    Very nice

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