अगर आपको सफल होना है तो लोगो की बातो को नजरअंदाज करना होगा। दुसरो की बातो में आ कर हम अपने बहुत से काम ख़राब कर लेते है, कई बार तो हमे बहुत ज्यादा नुकसान भी हो जाता है। आज मैं आपके साथ एक ऐसी कहानी शेयर कर रहा हूँ जो साबित कर देगी की अगर आप ठान ले तो आपको दुनिया की कोई ताकत कामयाब होने से नहीं रोक सकती। ये कहानी आपकी जिदंगी से नकारात्मकता को जड़ से खत्म कर देगी। Ignore negativity around you, success will definitely – Hindi Story.
इस दुनिया में ऐसे लोगो की कमी नहीं है जो दुसरो की success को देख कर जलते है, ऐसे लोगो से जब आप मिलते हो तो वो आपके अन्दर negativity ही पैदा करेंगे आपका हौसला नहीं बढ़ाएंगे। अगर आप इन सब लोगो को ignore कर दो और अपने काम पर focus करो तो आपको हर हाल में सफलता मिलेगी।
इस कहानी को शेयर करने का मकसद सिर्फ इतना है की आप लोगो में से अगर कोई दुसरो की कही सुनी बातो पर ध्यान दे रहा है तो वो समझ जाये की दुसरो की बातो में आ कर आपका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है और आप हार जाते है।
सफलता पाने का मंत्र: अपने आसपास की नकारात्मकता को नजरअंदाज करें, सफलता जरुर मिलेगी
बहुत समय पहले की बात है एक तालाब में कुछ मेंढक रहते थे उनका एक राजा भी था जो बहुत शरारती था लेकिन सभी एक दुसरे के साथ ख़ुशी ख़ुशी रहते थे। Apne aas-pas ki negativity ko avoid kare, safalta jarur milegi.
उस तालाब के बीचों-बीच एक लोहे का लचीला खंभा था जो उस तालाब को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था। एक दिन सभी मेंढकों ने सोचा की कुछ मोज मस्ती हो जाये, कोई खेल खेला जाये। उन मेंढकों में एक सबसे बड़ा और समझदार मेंढक भी रहता था।
उस मेंढक ने सभी मेंढकों को तालाब के बीच खंभे के बारे में बताया और कहा की इस खम्भे पर चढ़ने की रेस प्रतियोगिता की जाये। राजा से इस बारे में बात की गयी।
राजा ने घोषणा की कि जो उस लोहे के खंभे पर ऊपर तक चढ़ जाएगा उसको विजेता माना जायेगा और उसे सब मेंढकों का राजा भी बना दिया जायेगा, सभी उसकी बात मानेंगे।
प्रतियोगिता का समय चुना गया और आसपास के सभी मेंढको को इसके बारे में बताया गया। ये खबर सुनकर सभी मेंढकों में खलबली मच गई, क्योंकि खंभे की सतह बहुत फिसलन और लचीली थी और वो बहुत ऊंचा भी था।
किसी मेंढक को विश्वास नहीं था की वो इस ऊँचें और चिकने खंभे के ऊपर तक पहुँच पायेगा। कुछ मेंढक कहने लगे की राजा ने जानबूझ कर ऐसी शर्त रखी है ताकि उसे कोई पूरा न कर सके और वोही राजा बना रहे।
सभी का कहना था की इस प्रतियोगिता में कोई विजेता नहीं बन पायेगा, ये असंभव है, खम्भा बहुत ज्यादा चिकना है और उस पर चढ़ना नामुकिन है।
रेस का समय आया और खेल शुरू हुआ लेकिन अभी भी चारों तरफ से आवाजें आ रही थी की ये खेल बहुत कठिन है इसे कोई पूरा कर ही नहीं पायेगा, इसमें कोई मेंढक सफल हो ही नहीं सकता।
लेकिन फिर भी बहुत सारे मेंढको ने हिम्मत दिखाई और इस रेस में भाग लिया लेकिन जो मेंढक खंभे पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे वो बार-बार फिसल रहे थे।
कई मेंढक ऐसे भी थे जो बार- बार गिरने के बाद भी चढ़ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बार-बार फिसलने से और लोगो की नकारात्मकता वाली बातो से उनकी हिम्मत टूट रही थी क्युकी कुछ मेंढक चिल्ला रहे थे की यह असंभव है इसमें कोई सफलता हासिल नहीं कर पायेगा।
उन मेंढकों की बातें सुनकर उन मेंढकों का विश्वास भी टूट गया जो खंभे पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। आख़िरकार उन्होंने भी अपनी हार मान ली।
लेकिन उन्ही मेंढकों में से एक कमजोर सा मेंढक था जो बार-बार गिरने के बाद भी खंभे पर चढ़ने में पुरे जी-जान से लगा हुआ था। उस मेंढक पर कुछ मेंढकों को तो हँसी आ रही थी।
लेकिन वो मेंढक लगातार कोशिश करता रहा और ऊपर की तरफ बढ़ता रहा और आखिरकार बार बार असफल होने के बावजूद वह मेंढक खंभे के ऊपर चढ़ गया और विजेता बन गया।
सभी मेंढकों को उस मेंढक पर विश्वास नहीं हो रहा था, उसकी जीत पर सभी मेंढकों को अचरज हो रहा था की इसने ये कैसे कर दिखाया जबकि ये तो बाकि सभी से कमजोर है। सभी मेंढक उस मेंढक से पूछने लगे की तुमने ये नामुमकिन काम कैसे किया?
जबकि तुम तो ये काम कर ही नहीं सकते, तुम्हें इस लचीले खंभे पर चढ़ने की ताकत कहाँ से मिली? सभी मेंढक उस मेंढक से पूछने लगे की हमे बताओ की तुम इस असंभव काम में सफल कैसे हुए।
वो मेंढक कुछ नहीं बोला लेकिन तभी पीछे से एक आवाज आई और वो आवाज उस सबसे बूढ़े मेंढक की थी, उसने कहा की “अरे ये आपको कोई जवाब नहीं देगा, क्योंकि ये बहरा हैं।”
दोस्तों, उस मेंढक के बहरे होने की वजह से ही वो अपने आसपास की नकारात्मकता वाली बातो को सुन नहीं पाया और अपने आत्मविश्वास के साथ रस्ते पर चलता रहा और कुछ परेशानी के बाद उसे अपनी मंजिल मिल गयी।
अगर आप भी अपनी life में success होना चाहते हो तो अपने आस-पास की negativity को ignore कर दो और अपने career पर focus करो, कुछ मुशीबते जरुर आएगी लेकिन आपको सफलता जरुर मिलेगी।
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और अगर आप लोगो की बाते सुनते रहे तो बहुत जल्द आपकी जिंदगी बद से बदतर हो जाएगी क्युकी आज के टाइम में दुसरो का भला चाहने वाले लोग बहुत कम मिलते है।
अगर आपको ये कहानी पसंद आये और एक अच्छी सिख मिले तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें।
Avinash
Wakai ye kahani bahut hi achhi hai. Hame logon ki nakaratmak baaton par dhyan nahi dena chahiye aur pure viswas ke saath apne manjil ki aor badhna chahiye. Dhanyawad es kahani ko humlogon ke saath share karne ke liye.
Arif
Jamshed Bhai Mein tbhi Har nhi maan rha hun… And Thanks ye sb zruri baatein btane k liye… Bohat Bohat Shukriya… Thanks for motivating us
dharmesh rajput
Bahut hi badhiya post likhi he share karne ke liye dhanyawaf