डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें हम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से जानते हैं, भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और महान विचारक थे। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, जातिवाद और अशिक्षा के खिलाफ जीवनभर संघर्ष किया। उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं। इस लेख में हम लेकर आए हैं बाबासाहेब अंबेडकर के 100+ अनमोल वचन जो आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं।

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और दलितों के अधिकारों के सबसे बड़े समर्थक थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उन्होंने अपने जीवन को समाज में बराबरी और न्याय के लिए समर्पित किया।
इस लेख में आपको मिलेंगे डॉ. भीमराव अंबेडकर के 100 अनमोल वचन, जो ना सिर्फ प्रेरणा देंगे बल्कि जीवन को सही दिशा में ले जाने में मदद करेंगे।
100+ Dr Bimrao Ambedkar Anmol Vachan in Hindi
Dr Bimrao Ambedkar के 100+ अनमोल विचार जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं, डॉ भीमराव अंबेडकर के अनमोल वचन, Dr Br Ambedkar Quotes in Hindi.
- शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।
- जीवन लंबा नहीं, महान होना चाहिए।
- मैं उस धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए।
- अपने जीवन को ऊँचा उठाने की जिम्मेदारी खुद आपकी है।
- जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
- एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से बिल्कुल अलग होता है।
- अपने इतिहास को भूलना, अपने भविष्य को खो देना है।
- हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।
- ज्ञान के बिना स्वतंत्रता व्यर्थ है।
- जातिवाद समाज के लिए ज़हर है।
- असमानता किसी भी समाज के लिए खतरनाक है।
- संविधान केवल एक कागज़ नहीं, यह एक जीवन दर्शन है।
- अपने विचारों को कभी मत छोड़ो, चाहे दुनिया तुम्हारे खिलाफ हो जाए।
- धर्म को हमेशा तर्क की कसौटी पर कसना चाहिए।
- जो अपने अधिकार के लिए नहीं लड़ता, वह उसे खो देता है।
- इंसान वही है जो दूसरों के लिए जीता है।
- एक विचार को अपनाने में कोई बुराई नहीं अगर वो सही दिशा में ले जाए।
- जो समाज महिलाओं का सम्मान नहीं करता, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
- शिक्षा वह हथियार है जिससे आप समाज को बदल सकते हैं।
- समाज सुधारक वह होता है जो समाज की आलोचना करता है।
- नैतिकता एक सामाजिक आवश्यकता है।
- धर्म को लोगों को जोड़ना चाहिए, तोड़ना नहीं।
- आत्म-सम्मान सबसे बड़ा सम्मान है।
- क्रांति सोच में होती है, हथियारों में नहीं।
- सामाजिक न्याय ही सच्चा न्याय है।
- संविधान की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि समाज कितना न्यायप्रिय है।
- अधिकार मांगने से नहीं, संघर्ष से मिलते हैं।
- सच्चा धर्म वही है जो मानवता को ऊंचा उठाए।
- अपने हक के लिए आवाज़ उठाना जरूरी है।
- व्यक्ति की पहचान उसके काम से होती है, जाति से नहीं।
- लोग हमें उतना ही दबाएंगे जितना हम सहन करेंगे।
- जो समाज अन्याय को सहन करता है, वह खुद अन्यायी हो जाता है।
- स्वराज्य का अर्थ है – समाज में समानता।
- संविधान सबके लिए बराबर है।
- अपनी कमजोरियों को जानो और उन्हें ताकत बनाओ।
- मनुष्य जन्म से नहीं, कर्म से महान बनता है।
- धर्म अगर आपको सोचने की आज़ादी नहीं देता, तो वह धर्म नहीं है।
- अधिकार तभी टिकते हैं जब उन्हें बुद्धि से समझा जाए।
- आत्मा की स्वतंत्रता सर्वोच्च है।
- हर व्यक्ति को न्याय मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो।
- जब तक आप सामाजिक आज़ादी नहीं हासिल करते, कानून आपकी मदद नहीं कर सकता।
- बुद्धि और विवेक ही असली शक्ति हैं।
- न्याय वही है जो सभी को बराबरी दे।
- किसी भी समाज की शक्ति उसके शिक्षित लोगों में होती है।
- जिस देश में ज्ञान नहीं, वहां प्रगति नहीं।
- महिलाओं को समान अधिकार देना समाज का कर्तव्य है।
- सच्चे नेता का काम है – जागरूकता फैलाना।
- संघर्ष जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
- आत्मनिर्भर बनो, किसी पर निर्भर मत रहो।
- देश की तरक्की समाज की समरसता में है।
- केवल नाम बदलने से सामाजिक हालात नहीं बदलते।
- समाज को बदलने के लिए पहले खुद बदलो।
- गुलामी केवल जंजीरों से नहीं, सोच से भी होती है।
- किसी के कहने पर चलना बंद करो, सोचो और समझो।
- परिवर्तन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, उसे अपनाओ।
- हर इंसान की काबिलियत को पहचानों।
- लोकतंत्र तभी सफल होता है जब जनता जागरूक हो।
- कानून की इज्जत करना नागरिक का कर्तव्य है।
- इंसान को उसके कर्मों से पहचानो, नाम से नहीं।
- संगठित समाज ही शक्तिशाली समाज होता है।
- भेदभाव को मिटाना ही असली आज़ादी है।
- धर्म का मतलब लोगों को बराबरी देना है।
- गरीबों को न्याय देना सबसे बड़ा धर्म है।
- झूठी मान्यताओं को तोड़ना ही सच्ची भक्ति है।
- अंधविश्वास समाज को बर्बाद करता है।
- शिक्षा से बड़ा कोई अस्त्र नहीं है।
- सच्चा इंसान वही है जो न्याय के लिए लड़ता है।
- केवल बोलने से नहीं, करने से बदलाव आता है।
- समाज की ताकत एकता में है।
- मानसिक गुलामी सबसे खतरनाक होती है।
- सोच को सीमित मत करो, सपनों को खुला छोड़ दो।
- बदलाव लाने के लिए सोच बदलनी चाहिए।
- शिक्षा सबका अधिकार है, न कि विशेषाधिकार।
- सच्चा नेतृत्व जनता को जागरूक करता है।
- जब तक भेदभाव रहेगा, तब तक समाज अधूरा रहेगा।
- आज़ादी तभी सार्थक है जब सबको समान अवसर मिले।
- जो लोग खुद को नीचा समझते हैं, वे कभी ऊँचा नहीं उठ सकते।
- हर आदमी को सोचने का हक है।
- जो खुद को बदल सकता है, वही समाज को बदल सकता है।
- आत्मसम्मान का मूल्य सबसे अधिक है।
- अंधभक्ति इंसान को गुलाम बना देती है।
- विचारों की स्वतंत्रता ही असली स्वतंत्रता है।
- धर्म को राजनीति से अलग रखना चाहिए।
- लोग वही देखते हैं जो उन्हें दिखाया जाता है।
- विवेक और तर्क से ही इंसान श्रेष्ठ बनता है।
- विचारहीन समाज बेजान होता है।
- राष्ट्र निर्माण सोच से शुरू होता है।
- धर्म, जाति, भाषा – ये हमें बांटते हैं, इंसानियत हमें जोड़ती है।
- अपनी काबिलियत पर भरोसा रखो।
- इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं।
- जो समाज शिक्षा को महत्व देता है, वही आगे बढ़ता है।
- संविधान सबका है, किसी एक जाति का नहीं।
- जो समाज शिक्षित है, वही स्वतंत्र है।
- इंसान की सबसे बड़ी पूंजी है – उसका आत्मविश्वास।
- लोकतंत्र का मतलब है – सबकी आवाज़ सुनी जाए।
- बिना सोच के विश्वास करना सबसे बड़ी मूर्खता है।
- जाति का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
- शिक्षा, संघर्ष और संगठन – यही सफलता के स्तंभ हैं।
- जो खुद को नीचा मानता है, वह कभी ऊँचा नहीं उठ सकता।
- संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं, अब हमें जिम्मेदार बनना है।
- समानता सिर्फ कानून में नहीं, व्यवहार में भी होनी चाहिए।
निष्कर्ष,
डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनमोल वचन सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये सोच की क्रांति हैं। अगर हम इन विचारों को अपने जीवन में अपनाएं, तो न केवल हमारा जीवन सुधर सकता है बल्कि समाज में भी बड़ा बदलाव आ सकता है।
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