प्रदूषण एक ऐसी चीज है जिसे कोई भी पसंद नहीं करता। लेकिन प्रदूषण के जिम्मेदार भी हम ही है। हमारी गतिविधियाँ ही पर्यावरण प्रदूषण (Environmental Pollution) में योगदान देती हैं। हम अपने घर की सफाई रखना जरूरी समझते हैं लेकिन जिस वातावरण में हम सांस लेते हैं जो हम सबका घर है उसे भूल जाते हैं। जबकि प्रदूषण सभी जीवित प्राणियों के लिए खतरा है।
इस आर्टिकल में हम प्रदूषण के कारण और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध लिख रहे हैं जिसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूक करना है।
अगर आप एक Student है और प्रदूषण पर निबंध की तलाश कर रहे हैं तो इस आर्टिकल की सहायता ले सकते हैं। साथ ही, इस आर्टिकल को सोशल मीडिया के जरिए अन्य लोगों तक पहुँचा के आप प्रदूषण को रोकने में अपना योगदान दे सकते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध के माध्यम से आप जान सकते हैं कि, प्रदूषण कैसे फैलता है और इससे हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध – Essay on Environmental Pollution in Hindi
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प्रदूषण दूषित पदार्थों, अशुद्धियों या अन्य गंदगी से मिलकर बनता है जो वातावरण की मौजूदा प्रक्रिया में परिवर्तन का कारण बनता है। जब प्रदूषण पर्यावरण को प्रभावित करता है तो हम इसे पर्यावरण प्रदूषण कहते हैं। जो पदार्थ प्रदूषण में योगदान देते हैं उन्हें प्रदूषक कहते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण के (वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और जल प्रदूषण) तीन प्रमुख योगदानकर्ता होते हैं और यह प्रदूषण मानव गतिविधियाँ या प्राकृतिक आपदाओं के कारण जन्म लेते हैं।
प्रदूषण का सभी जीवित प्राणियों पर खतरनाक प्रभाव पड़ता है। प्रदूषित वातावरण हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है। प्रदूषण की बढ़ती दर से धरती पर निवास करने वाले सभी प्राणियों का जीवन खतरे में है।
अगर ऐसे ही पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता रहा तो हमारा भविष्य क्या होगा। एक समय ऐसा भी आ सकता है जब हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन किट साथ रखनी होगी। हमारे पास पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं होगा। हमारी उम्र कम हो जाएगी। कई खतरनाक महामारी जन्म ले लेंगी और हमें जीने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
प्रदूषण का मुख्य कारण मानव द्वारा निर्मित प्रयोगशाला, कारखाने और विभिन्न तकनीकें है। पहले का जीवन आज की तुलना में बेहतर था। उस समय प्रदूषण फैलाने वाली कोई तकनीक नहीं थी।
पहले जमाने के लोगों को कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं होती थी क्योंकि उनके पास सांस लेने के लिए शुद्ध हवा और पीने के लिए पानी था। लेकिन आज बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के कारण छोटे-छोटे बच्चों को भी कई बीमारियाँ अपनी चपेट में ले लेती हैं।
अगर सही समय पर कदम नहीं उठाए तो एक धरती पर जीवन थम सा जाएगा। क्योंकि प्रदूषण हमारे भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। इसके जिम्मेदार हम सभी इंसान है। इसलिए हम सब मिलकर ही इस खतरे से बच सकते हैं।
हमें यह समझना होगा कि, मात्र पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। प्रदूषण को बढ़ावा दे कर हम खुद अपने जीवन को मुश्किल में डाल रहे हैं। हमें जीने के लिए एक स्वस्थ वातावरण की जरूरत है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान देना होगा।
बहुत से लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं क्योंकि वे भविष्य के परिणामों से अनजान है। उन्हें समझना होगा कि, प्रदूषण की समस्या आने वाले कल में एक बहुत बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए इस समस्या के प्रति सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है।
बढ़ता प्रदूषण सिर्फ हमारी समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। इस समस्या से बाहर निकलने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ लड़ने की जरूरत है।
प्रदूषण बढ़ने के कारण
बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक औद्योगीकरण है। बड़े उद्योग हवा में जहरीली गैस छोड़ते हैं। साथ ही, हानिकारक रसायनों को जल में छोड़ दिया जाता है। औद्योगीकरण प्रदूषण को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान दे रही है।
तकनीकी संसाधनों का बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है। हम कम दूरी तय करने के लिए भी बाइक या कार का उपयोग करते हैं। अब साइकिल का इस्तेमाल कोई नहीं करता।
आजकल हर जगह प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। खेती करने के लिए अत्यधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक का उपयोग हो रहा है जो मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुँचाते हैं।
जीवाश्म ईंधन (ईंट का भट्टा) के जलने से जहरीली गैस निकलती है जो अम्लीय वर्षा और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती है। हवा और जल प्रदूषण के कारण प्राकृतिक आपदाओं का जन्म हो रहा है।
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय
पर्यावरण प्रदूषण को रोकना अब बहुत ही आवश्यक हो गया है। अगर हमें अपना जीवन प्यारा है तो हमें एक साथ मिलकर प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने होंगे।
पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा क्योंकि अधिक जनसंख्या होगी मानव आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए उतना ही अधिक प्राकृतिक संसाधनों का निर्माण और उपयोग होगा।
साथ ही, वनों की कटाई पर रोक लगानी होगी। लोगों को वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करना होगा। हम अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण को अनदेखा कर देते हैं जिससे हम सभी जीव-जंतुओं के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। हम सभी को प्राकृति के महत्त्व को याद रखना होगा।
प्लास्टिक का उपयोग कम करना होगा। जैविक खेती को अपनाना होगा। तकनीकी साधनों का इस्तेमाल कम से कम करना होगा। जीवाश्म ईंधन के उपयोग को नियंत्रित करना होगा। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत को बढ़ाना होगा। हमें वे काम बंद करने होंगे जो प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं।
निष्कर्ष,
मनुष्य Environmental Pollution का सबसे बड़ा जिम्मेदार है। अपने निज स्वार्थ के लिए पर्यावरण को अनदेखा करके मनुष्य ने सम्पूर्ण जीवित प्राणियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है। औद्योगीकरण, आधुनिकीकरण, कारखाने, परमाणु परीक्षण और तकनीकी संसाधनों के कारण आज पर्यावरण प्रदूषण से ग्रषित है।
आज प्रदूषण हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है जिसके कारण पर्यावरण की सुरक्षा हम सब के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए हमें नि:स्वार्थ होकर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए आगे आना होगा।
हम तभी स्वस्थ रह सकते हैं जब पर्यावरण स्वच्छ रहेगा। इसलिए हमें प्रत्येक काम करने से पहले पर्यावरण की अनुकूलता का ध्यान रखना होगा।
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि हर कोई पर्यावरण के प्रति जागरूक हो।
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