घमंड सबसे बड़ा अवगुण है महानपुरुषों के अनुसार, घमंड समस्त बुराइयों का स्रोत है जो घमंड करता है उसका भाग्य साथ छोड़ देता है जिससे उसे कष्ट झेलने पड़ते है और एक दिन ऐसा भी आता है जब उसका घमंड टूट जाता है और धमंड करने वाले को सबकुछ समझ आ जाता है! इस पोस्ट में मैं आपके साथ एक घमंडी हाथी और चींटी की कहानी share कर रहा हूं जो आपको घमंड करना भुला देगी।
एक जंगल में एक ताकतवर हाथी रहता था जिसका नाम बाहुबली था, उस हाथी का नाम बाहुबली इसलिए था क्योंकि उसकी बाजुओं में बहुत बल था और बाहुबली को अपनी ताकत का बहुत घमंड था और वो ताकत से जंगल के जानवरों को डराता था और सभी को गुस्सा दिखाता था।
बाहुबली को छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आ जाता था और हमेशा अपनी ताकत को दिखाने के लिए कभी पेड़ तोड़ना और कुछ ना कुछ तोड़फोड़ करता रहता था उसके ऐसे व्यवहार से जानवर उससे डरते भी थे और उसे नापसंद भी करते थे।
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एक कौआ जिसका नाम कालिया था, पेड़ पर बैठा कांव – कांव कर रहा था. हाथी को उस कौवे की आवाज अच्छी नहीं लग रही थी हाथी ने उस कौवे से कहा – कालिया (कौआ) ये क्या कांव – कांव लगा रखी है चुप कर, मुझे परेशान मत कर।
तो कौआ बोला भाई हाथी मैं तो चुपचाप गाना गा रहा हूँ तुमे क्यों बुरा लग रहा है. तो हाथी बोलता है – बुरा लग रहा है तो लग रहा है, तुम मेरी ताकत को नहीं जानते. अभी इस पेड़ को तोड़कर तुम्हारी कांव – कांव हमेशा के लिए बंद कर देता हूँ।
हाथी बुरी तरह से गुस्सा हो जाता है और गुस्से में पेड़ को जोर – जोर से टक्कर मारने लगता है. यह देख कर पेड़ पर बैठा कौआ हाथी से बोलता है की हाथी भाई अगर तुम्हे मेरा यहां बैठना और गाना बुरा लग रहा है तो मैं यहां से चला जाता हूँ. घमंडी हाथी से ऐसा कहकर कौआ उस पेड़ से उड़ जाता है और चला जाता हैं।
यह सब कारनामा थोड़ी ही दूर से एक बिल्ली देख रही थी. जब हाथी की उस नन्ही बिल्ली पर नजर पड़ी तो उससे बोलता है की तुम यहां खड़ी – खड़ी क्या तमाशा देख रही हो, भागो यहां से भागो!
ऐसा कहकर हाथी उस बिल्ली के पीछे पड़ जाता है और बिल्ली भागती – भागती हाथी से बोलती है की हाथी बाबा तुम पागल हो गए हो, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, मेरा पीछा छोड़ो में यहां से चली जाती हूं।
थोड़ी दूर चलकर हाथी को एक चींटी दिखाई पड़ती है उस चीटी को देखकर हाथी का गुस्सा ठंडा हो जाता है और वे नन्ही चींटी को देखकर हँसने लगता है – हा हा हा हा हा.
और नन्ही चींटी से कहता है की तुम कितनी छोटी हो तुम्हारा शरीर कितना छोटा है तुम्हारा शरीर तो शुरू होते ही खत्म हो जाता है तुम्हारी आंखें है या नहीं!
मुझे देखो, मैं कितना ताकतवर, बलवान हूँ मेरी ताकत के आगे सब दौड़ते है, पूरा जंगल डरता है और तुमे तो बस हमेशा यह डर सताता रहता होगा की तुमे कोई कुचल ना दें।
तो चींटी हाथी से कहती है, हाथी भाई अपनी ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए, मैं तुम्हारे नजरिये से छोटी सी हूं, मुझे भी ईश्वर ने मेरी जरूरतों के हिसाब से वो सब कुछ दिया है जिससे मैं अपनी सभी जरूरतें पूरी कर सकती हूं।
चींटी की बात सुनकर हाथी पर कोई असर नहीं हुआ और चींटी से बोला, बस बस ज्यादा भाषण देने की जरुरत नहीं हैं, भाग ले वरना अभी कुचल दूंगा।
हाथी के इतना कहते ही जोर – जोर से बिजली कड़कड़ने लगती है और बारिश होने लगती है, चींटी और हाथी अपनी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगते है।
पास में ही एक गुफा थी चींटी अपनी जान बचाने के लिए उस गुफा में चली जाती है. हाथी भी बारिश का मजा लेते हुए धीरे – धीरे गुफा की तरफ आने लगता है।
तो चींटी हाथी से कहती है की हाथी भाई जल्दी से गुफा में आ जाओ नहीं तो तुम्हारी तबीयत खराब हो जाएगी और तुम्हे बुखार हो जाएगा. तो हाथी हँसता है और बोलता है – बुखार तुम जैसे मामूली और छोटे जीव को होता है मुझ जैसे बड़े और बलवान जानवर को नहीं होता।
और गुफा में पहुंचकर चींटी से कहता है – क्यों चींटी बड़ी मुश्किल से जान बचा कर आई हो गुफा में, ईश्वर ने ना जाने क्या सोच कर तुम्हे बनाया है कुछ समझ नहीं आता।
चींटी – ईश्वर ने कुछ अच्छा ही सोचा होगा मेरे बारे में हाथी भाई, घमंड मत करो. हाथी – अरे चुप चींटी, तुम्हे मेरी ताकत का अंदाजा नहीं है जब तुम मेरी ताकत को देखोगी तो होश खो बैठोगी।
मैं अगर अपनी एक टांग भी धरती पर जोर – जोर से मारू तो धरती भी हिलने लगती है. ऐसा कहकर घमंडी हाथी जोर – जोर से अपनी एक टांग धरती पर मारने लगता है तो गुफा के पत्थर हिलने लगते है तो चींटी हाथी से कहती है की पागल मत बनो हाथी भाई गुफा हमारे ऊपर गिर जाएगी।
ताकत में मगरूर हाथी चींटी की बातों पर बिलकुल ध्यान नहीं देता है और जोर – जोर से अपनी टांग धरती पर मारने लग जाता है, इससे गुफा के पत्थर जोर – जोर से हिलने लगते है और एक बड़ा सा पत्थर गुफा के सामने आ गिरता है और गुफा से बाहर निकलने का रास्ता बंद हो जाता हैं।
पत्थर गिरते ही चींटी हाथी से कहती है, हाथी भाई यह क्या किया तुमने गुफा से बाहर निकलने का रास्ता बंद कर दिया. मगर हाथी का घमंड अभी कम नहीं हुआ था।
चींटी से कहता है, चुप कर, मैं अभी इस पत्थर को अपने सर से हटा देता हूँ लेकिन यह क्या, पूरी ताकत लगाने के बाद भी हाथी उस पत्थर को हटाने में असमर्थ हो जाता है और दुखी होकर चीटी से कहता है की चीटी बहन हम यहां फंस गए हैं।
तो चींटी कहती है, हम नहीं तुम यहाँ फंस गए हो हाथी भाई, ईश्वर ने मेरा शरीर इतना छोटा बनाया है की मैं यहां से आसानी से निकल सकती हूं मुझे बहुत अफसोस है की तुम्हे अपना बाकि जीवन इस गुफा में ही बिताना पड़ेगा।
घमंडी हाथी सब कुछ भूल जाता है और चींटी से कहता है, मुझे बचाओ चींटी बहन मैं यहां नहीं रह सकता, मुझे बचाओ. चींटी – ठीक है हाथी भाई रोओ मत मैं कुछ करती हूँ।
हाथी से ऐसा कहकर चींटी जंगल में जाती है और उस हाथी के दोस्तों को सारी घटना सुनाती है मदद करने के लिए कहती है. सभी हाथी मिलजुल कर उस पत्थर को हटा देते है और उस चींटी के साथी हाथी को गुफा से आजाद कर देते हैं।
बाहर आकर चींटी ने देखा की हाथी का घमंड अब बिलकुल खत्म हो गया था और उस हाथी ने सभी जानवरों के सामने कहा की “मैं सदा अपनी ताकत पर घमंड करता रहा और बिना सोचे समझे अपनी ताकत दिखाने से आज मेरी जान जोखिम में पड़ गई थी।
बहन चींटी की समझदारी से मेरी जान बच पाई है और मैं आजाद हो गया हूँ, ताकत सिर्फ बड़े और मजबूत शरीर से ही नहीं है उससे भी बड़ी एक ताकत है जो हमारी बुद्धि है।
बुद्धि से मनुष्य चाँद पर चला गया है अपनी ताकत से नहीं, तो मैं तो यही कहूंगा की ताकत से बड़ी बुद्धि है और कभी अपनी ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए।
कहा जाता है की घमंड ही पराजय का द्वार है क्योंकि घमंड (गर्व) ने देवदूतों को भी मिटा नष्ट कर दिया है इसलिए आप भी कभी घमंड के आदि मत होगा!
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अगर आपको हाथी और चींटी की कहानी से अच्छी सीख मिले तो इस कहानी को सोशल मीडिया पर अपने ऐसे दोस्तों के साथ ज्यादा share करें जिन्हें अपनी ताकत पर घमंड है, ये कहानी उन्हें घमंड से मुक्ति दिला सकती हैं।
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