हिंदी दिवस पर कविता – Hindi Diwas Poems in Hindi 2025

Hindi Diwas 14 September 2025: आज पूरा देश हिंदी दिवस मना रहा है। आज का दिन सभी भारतीयों के लिए खास है क्योंकि इसी दिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा चुनने का निर्णय लिया और इसी निर्णय को महत्व देने और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। यहाँ हम हिंदी भाषा के सम्मान में लिखी गयी, हिंदी का महत्व बताती कविताएँ साझा कर रहे है जिन्हें आप हिंदी दिवस के अवसर पर इस्तेमाल करके हिंदी का मान बढ़ा सकते हैं। Hindi Diwas Kavita in Hindi, Hindi Diwas Poems in Hindi 2025.

Hindi Diwas Poems in Hindi

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हिंदी दिवस एक ऐसा अवसर है जो हमें हम अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति प्रेरित करता है। हमारे द्वारा यहां दी गई हिंदी दिवस की कविताएं हिंदी भाषा के महत्व पर लिखी गयी हैं। यह Hindi diwas kavita आपको हिंदी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करेंगी।

अगर आप एक विद्यार्थी या शिक्षक हैं और आपको हिंदी दिवस पर बोलने के लिए जोरदार भाषण चाहिए तो नीचे वाले आर्टिकल में जाएं। इसमें आपको Best Hindi Diwas Speech in Hindi मिल जायेंगी।

इस पोस्ट में आज हम आपके लिए हिंदी दिवस कविताएं लेकर आए हैं जो हिंदी भाषा को सम्मानित करने हेतु लिखी गई हैं। यह कविताएं आपके दिल में हिंदी के लिए प्यार जगायेंगी।

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हिंदी दिवस पर कविता

अंग्रेजी में नंबर थोड़े कम आते हैं,
अंग्रेजी बोलने से भी घबराते हैं,
पर स्टाइल के लिए पूरी जान लगाते हैं,
क्योंकि हम हिंदी बोलने से शर्माते हैं,
एक वक्त था जब हमारे देश में हिंदी का बोलबाला था,
मां की आवाज में भी सुबह का उजाला था,
उस मां को अब हम Mom बुलाते हैं,
क्योंकि हम हिंदी बोलने से शर्माते हैं,
देश आगे बढ़ गया पर हिंदी पीछे रह गई,
इस भाषा से अब हम नजर चुराते हैं,
क्योंकि हम हिंदी बोलने से शर्माते हैं,
माना, अंग्रेजी पूरी दुनिया को चलाती है,
पर हिंदी भी तो हमारी पहचान दुनिया में कराती है,
क्यों ना अपनी मातृभाषा को फिर से सराखों पर बिठाए,
आओ हम सब मिलकर हिंदी दिवस मनाए।

हिंदी भाषा पर कविता

मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
राष्ट्रभाषा हूं मैं अभिलाषा हूं मैं,
एक विद्या का घर पाठशाला हूं मैं,
मेरा घर एक मंदिर बचा लो मुझे,
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
देख इस भीड़ में कहां खो गई,
ऐसा लगता है अब नींद से सो गई,
प्यार की एक थपक से जगा लो मुझे,
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
मैं ही गद्य भी बनी और पद्य भी बनी,
दोहे, किससे बनी और छंद भी बनी,
तुमने क्या-क्या ना सीखा बता दो मुझे,
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
मैं हूं भूखी तेरे प्यार की ऐ तू सुन,
दूंगी तुझको मैं हर चीज तू मुझको चुन,
अपने सीने से एक पल लगा लो मुझे,
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
मैं कहां से शुरू में कहां आ गयी,
सर जमी से चली आसमां पा गयी,
वह हंसी पल मेरा फिर लौटा दो मुझे,
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,
तेरी कविता हूं मैं हूं कलम तेरी,
मां तो बनके रहूं हर जन्म में तेरी,
अपना ए दोस्त आप बना लो मुझे,
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे।

Hindi Diwas Poem in Hindi

हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है,
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है,
हिंदी हमारी वर्तनी हिंदी हमारा व्याकरण,
हिंदी हमारी संस्कृति हिंदी हमारा आचरण,
हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारा गान है,
हिंदी हमारी आत्मा है भावना का साज़ है,
हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है,
हिंदी हमारी अस्मिता हिंदी हमारा मान है।,
हिंदी निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है,
हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है,
हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है।,
जब तक गगन में चांद, सूरज की लगी बिंदी रहे,
तब तक वतन की राष्ट्रभाषा ये अमर हिंदी रहे,
हिंदी हमारा शब्द, स्वर व्यंजन अमिट पहचान है,
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।

Poem on Hindi Diwas in Hindi

राष्ट्रभाषा की व्यथा,
दु:खभरी इसकी गाथ,
क्षेत्रीयता से ग्रस्त है,
राजनीति से त्रस्त है,
हिन्दी का होता अपमान,
घटता है भारत का मान,
हिन्दी दिवस पर्व है,
इस पर हमें गर्व है,
सम्मानित हो राष्ट्रभाषा,’
सबकी यही अभिलाषा,
सदा मने हिन्दी दिवस,
शपथ लें मने पूरे बरस,
स्वार्थ को छोड़ना होगा,
हिन्दी से नाता जोड़ना होगा,
हिन्दी का करे कोई अपमान,
कड़ी सजा का हो प्रावधान,
हम सबकी यह पुकार,
सजग हो हिन्दी के लिए सरकार।

Hindi Diwas Kavita in Hindi

एक डोर में सबको जो है बांधती वह हिंदी है,
हर भाषा को जो सगी बहन मानती वह हिंदी है,
भरी-पूरी हो सभी बोलियां यही कामना हिंदी है,
गहरी हो पहचान आपसी यही साधना हिंदी है,
सोते विदेशी रह ने रानी यही भावना हिंदी है,
तत्सम, तद्भव, देश विदेशी रंगों को अपनाती,
जैसा आप बोलना चाहे वही मधुर वह मन भाती,
नए अर्थ के रूप धारती हर प्रदेश की माटी पर,
खाली पीली बोम मारती मुंबई की चौपाटी पर,
चौरंगी से चली नवेली प्रीति प्यासी हिंदी है,
बहुत-बहुत तुम हमको लगती भालो-बाशी हिंदी है,
उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेजी हिंदी जन की बोली है,
वर्ग भेद को खत्म करेगी हिंदी वह हमजोली है,
सागर में मिलती धाराएं हिंदी सबकी संगम है,
शब्द, नाद लिपि से भी आगे एक भरोसा अनुपम है,
गंगा कावेरी की धारा साथ मिलाती हिंदी है,
पूरब-पश्चिम कमल पंखुरी सेतु बनाती हिंदी है।

यह थी हिंदी दिवस पर कुछ कविताएं। Hindi Diwas Poems in Hindi 2025.

अंतिम शब्द,

हमें उम्मीद है की आपको poem on hindi language पसंद आयेंगी। साथ ही, आपको अपनी राष्ट्रभाषा का महत्व भी बतायेंगी। यह कविताएँ आपको हिंदी भाषा के प्रति प्रेरित करेंगी।

अगर आपको हिंदी दिवस पर शायरियां चाहिए तो नीचे वाले आर्टिकल में जाएं।

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Reader Interactions

Comments (5)

  1. Such a nice post, sir.

  2. Bahut sundar lines

  3. Bahut umda

  4. I supports u bro..

    • Nice