गुस्सा आदमी को अंदर से खोखला बना देता है कुछ लोग तो बहुत ज्यादा गुस्सैल होते है जिन्हें छोटी – छोटी बातों पर क्रोध आ जाता है. अगर आपको भी गुस्से की लत है तो इस पोस्ट में मैं आपको कुछ ऐसी बातें बता रहा हूं जो क्रोध को कंट्रोल कर सकती है और आपको गुस्सा करना बुला सकती हैं
क्रोध हम सब की लाइफ में आम है जो हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है वो है गुस्सा, क्रोध, एंगर. जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है इतना ही नहीं ये हमारे रिश्तों के लिए भी अच्छा नहीं है. इस पोस्ट को आप लास्ट तक जरुर पढ़ें क्योंकि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप अपनी लाइफ में कभी भी गुस्सा नहीं करोगे।
एक रोशन नाम का लड़का था जो बहुत गुस्सैल था वो अक्सर गुस्से में अपना आपा खो बैठता था एक दिन उसके पिता ने उसे सुधारने के लिए उसे सबक सिखाने के लिए किलों से भरा एक डब्बा दिया और बोला की अब जब भी तुमे गुस्सा आये तो तुमे घर के बार लकड़ी की चारदीवारी पर हर बार एक कील ठोकनी हैं।
अगले ही दिन उस लड़के ने लकड़ी की चारदीवारी पर 34 कीले ठोक दी वो काफी परेशान हो गया. इसी तरह 30 से 40 दिन गुजर गये उस गुस्सैल लड़के (रोशन) ने अब अपने क्रोध पर काबू करना शुरू कर दिया था।
और लकड़ी की चारदीवारी पर भी अब किलों की संख्या में कमी आने लगी थी उस लड़के को धीरे – धीरे समझ आने लगा और अब उसे अपने गुस्से को कंट्रोल करने से लकड़ी पर कील ठोकने से ज्यादा आसान लगने लगा और इस तरह आखिरकार वो दिन आ ही गया जब लड़के ने अपने गुस्से पर काबू करना पूरी तरह सीख लिया था।
अब वो दिन में एक बार भी गुस्सा नहीं करता था उसे अब अपने ऊपर काफी गर्व महसूस हुआ और वो ये बात अपने पिता को कहने से नहीं रूक पाया और अपने पिता से कहा की पापा अब मुझे पहले के जैसे क्रोध नहीं आता।
यह सुनकर उसके पिता ने उससे खुशी के साथ कहा की अब तुम जिस दिन गुस्सा नहीं करोगे उसी दिन एक कील लकड़ी पर से निकाल दिया करो. लड़का ऐसे ही करता गया और कई week गुजर जाने के बाद एक दिन ऐसा आया जब लड़का अपने पिता से बोला की पिताजी अब लकड़ी की चारदीवारी पर से सारे कील निकल गये।
यह सुनकर पिता अपने बेटे के हाथ को पकड़कर प्यार से उस लकड़ी की चारदीवारी के पास ले गया और अपने बेटे से बोला तुमने बहुत अच्छा काम किया है बेटा लेकिन इन लकड़ियों में जो छेद हो गये है उन्हें ध्यान से देखो।
यह पहले जैसा अब कभी नहीं हो सकता लड़के ने अपने पिता की बात को ध्यान से सुना पिता आगे बोले – जब तुम गुस्से में कुछ बोल देते हो तो वो बोल इसी तरह पक्के और अस्थायी घाव छोड़ जाते है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की तुमने कितनी बार माफ़ी मांगी हैं वो घाव के निशान हमेशा वैसे ही रहते है।
दोस्तों, अब वो लड़का गुस्सा इसलिए नहीं करता क्योंकि अब उसे क्रोध करना या गुस्सा करने के बाद लकड़ी पर कील निकालना या कील ठोकना ज्यादा मुश्किल काम लग रहा था इसलिए वो अब सोच समझकर गुस्सा नहीं करता हैं।
जब हम कोई नौकरी करते है तो हमारा बॉस हमारी छोटी – छोटी बातों और गलतियों पर हमें डांटने लगता है इतना ही नहीं कभी – भी तो सब के सामने हमारी बेइज्जती करता है हमें भला – बुरा सुनाता है जब आप या कोई भी उसकी बातें चुपचाप सुन रहे होते है आपको उस पर गुसा नहीं आता क्योंकि आप जानते है की अगर आपने गुस्सा किया तो आपकी नौकरी जा सकती हैं।
फिर आप घर का किराया, बच्चों की स्कुल फीस कहा से देंगे इसलिए आप सोच समझकर अपने बॉस के डांटने पर भी उस पर क्रोध नहीं करते है दूसरी और जब हम ऑफिस से घर आ जाते है तो छोटी – छोटी बातों पर अपना सारा गुस्सा अपने बच्चों अपनी बीवी पर और घर के दुसरे सदस्यों पर निकालते हैं।
जबकि गुस्सा करना, कम गुस्सा करना या बिलकुल भी गुस्सा ना करना यह सब हमारे हाथ में मतलब हमारे control में होता है क्योंकि जहां हमारा जोर नहीं चलता है वहां हम बिलकुल भी गुस्सा नहीं करते है और जहां हमारा जोर चलता है वहां हम बात – बात पर क्रोधित हो जाते हैं।
जब हम गुस्सा करते है तो हम कुछ ऐसे शब्द बोल देते है जो बिलकुल उस लकड़ी पर ठोके गए कील की तरह होते है जिसे अगर निकाल भी देते है तो भी उसके छेद वो घाव हमेशा बने रहते है. गुस्सा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है साथ ही हमारे रिश्तों के बीच भी ये दीवारें पैदा कर देता हैं।
एक दुसरे के प्रति आपस में दूरियां और दुश्मनी पैदा कर देता है जो हमारे सुखी परिवार के लिए घातक होता है अब जब आपको पता ही है की गुस्सा हमारे लिए घातक है और आप यह भी जानते है की अपने गुस्से को control करना कितना आसान है तो आप फिर भी गुस्सा क्यों करते हो।
फिर भी अगर आप गुस्सा करते हो तो आप खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हो जबकि आपको पता है की आप आसानी से अपने क्रोध को काबू कर सकते हो।
अब आपको पता चल गया होगा की आप कितनी आसानी से अपने क्रोध को काबू कर सकते हो और कितनी आसानी से गुस्सा करने की आदत को छोड़ सकते हो।
अगर आपको इस पोस्ट की मदद से अपने गुस्से को control करने में मदद मिले तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर share करें ताकि आपकी वजह से कोई और भी जान सके की गुस्सा करने की आदत को छोड़ना कितना आसान हैं।
गुस्सैल आदमी को कोई पसंद नहीं करता है ऐसे लोगों से कोई दोस्ती करना भी नहीं चाहता है हर कोई उससे दूर रहना पसंद करता है अगर आप ऐसा आदमी नहीं बनना चाहते है तो किसी ना किसी तरीके से गुस्सा करने की आदत छोड़ दें।
Jasmine
Mei ARHAN ki mummy ho mei apne gusse se itni preshan ho gai ho ki man krta ha subside kr lo gusse ki halat mei apna appa khu deti ho or mere bache ARHAN ko marti ho jo ki 3 saal ka h kya kro ki apne gusse pe kabu pa lo plzz bataie mujhe
जुमेदीन खान
आज से ही खुद से वादा कर लो कि अब आप कभी भी अपने बेटे को नहीं मारोगे, गुस्से वाली बात को हल्के में लिया करो फिर देखना गुस्सा ही नहीं आएगा
रवि
बहुत ही बढ़िया लेख लिखा है आपने, ये सही है कि जब हम गुस्सा करते है तो उसे control करने की बजाये किसी कमजोर पर उसे उतर देते हैं.. ये हमे बताती है कि हम कितने कमजोर और डरपोक हैं, जो अपने गुस्से का भी सामना नहीं कर सकते..