Judge कैसे बने? Judge बनने के लिए योग्यता, पढ़ाई, प्रक्रिया और सैलरी

हमारे देश में Judicial System एक स्वतंत्र सिस्टम माना जाता है। भारतीय Constitution के जरिए न्यायलय को संविधान (Constitution) के हिफाजत के लिए नियुक्त किया गया है। Judicial System सरकार द्वारा लिए फैसलों की scrutiny या review कर सकता है। अगर कोई फैसला संविधान के विरुद्ध पाया जाता है तो Judicial System उस फैसले को खारिज भी कर सकता है। देश के Judicial System को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। Judicial System में दिए जाने वाले अधिकारों से एक न्यायधीश (Judge) को बहुत ऊंचे दर्जे का सम्मान दिया जाता है।

Judge kaise bane

Judge का मतलब होता है कानूनी प्रणाली को ऊंचाई पर पहुंचाना और उसकी रखवाली करना। Judge को guardian of the laws भी कहा जाता है। अगर आपमें से भी कोई ऐसा है जो न्यायिक सार्वजनिक सेवाओं का हिस्सा बनने की ख्वाइश रखता है और जिंदगी में रूतबा कमाना चाहता है वो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।

आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए Judge कैसे बने, Judge बनने की क्या क्या प्रक्रिया है, Judge बनने के लिए पढ़ाई कौन सी करनी पड़ेगी, Judge की सैलरी से लेकर हर छोटी जानकारी आप तक पहुंचाई जाएगी। तो चलिए आपको बताते हैं कि Judge कैसे बनें? How to become a judge – full information in Hindi, Judge kaise bane hindi me puri jankari, Course to become a judge, Salary of a judge, work of a judge etc.

Judge कैसे बने? (How to Be a Judge In Hindi)

Judge एक ऐसा व्यक्ति होता है कानून से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई और सभी तथ्यों के examination के बाद ही कोई फैसला करता है। एक Judge के सामने नागरिक विवाद, यातायात का उल्लंघन औप व्यापार विवाद जैसे कई फैसले पेश किए जाते है। जिसके बाद उन विवादों की सुनवाई कर उनके सभी गवाहों, तथ्यों की जांच परख के बाद फैसला सुनाने का अधिकार सिर्फ एक Judge को ही दिया गया है। Judge का यह फैसला Universally accepted माना जाता है।

पूरे देश में Judicial System का Structure कुछ इस प्रकार है।

  • सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) (पूरे भारत में 1)
  • राज्य न्यायपालिका या उच्च न्यायालय या High Court (पूरे भारत में 24)
  • जिला एवं सत्र न्यायालय (प्रत्येक जिले में 1)

जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रकार (Types of District and Sessions Court)

District and Sessions Court 3 तरह के होते हैं।

  • Civil Court – दीवानी न्यायालय: इन court में जमीन और जायदाद सम्बन्धी मुकदमे सुलझाए जाते हैं।
  • Criminal Court – फौजदारी न्यायालय: इन court में हत्या और झगड़े से सम्बंधित मुक़दमों की सुवाई की जाती है।
  • Revenue Court – राजस्व न्यायालय: इन court में टैक्स से जुड़े सभी मुक़दमों की सुनवाई की जाती है।

Civil Court, Criminal Court, Revenue Court के पद कौन-कौन से हैं?

दीवानी न्यायालय के पद (Civil Court Post)

  • जिला न्यायाधीश
  • अतिरिक्त जिला न्यायाधीश
  • व्यवहार न्यायाधीश प्रथम श्रेणी
  • व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय श्रेणी

फौजदारी न्यायालय के पद (Criminal Court Post)

  • जिला एवं सत्र न्यायाधीश
  • अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश
  • मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी
  • अन्य न्यायिक दण्डाधिकारी

राजस्व न्यायालय (Revenue Court Post)

  • राजस्व बोर्ड
  • आयुक्त
  • कलेक्टर
  • तहसीलदार

Judge बनने के लिए Qualifications क्या होनी चाहिए?

देश के उच्चतम न्यायालय में मुख्य Judge को मिलाकर कुल 26 Judge होते हैं। जो अपने पद पर 65 साल की उम्र तक विद्यमान रह सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि एक Judge बनने के लिए किन Qualifications का होना जरूरी है।

Judge बनने का सबसे पहला स्टेप लॉ में Bachelors करना जरूरी है। जिसके लिए आप 12वीं के बाद क्लैट यानि Common Law Admission Test (CLAT) का एग्जाम दे सकते हैं। Common Law Admission Test (CLAT) 5 सालों का कोर्स होता है जिसमें आपको B.A, L.L.B की डिग्री लेनी होगी। B.A. या फिर Bachelors के बाद आप 3 साल का L.L.B कोर्स भी कर सकते हैं।

LLB का Full Form क्या है?

LLB की Full Form Bachelor of Legislative Law होती है। हिंदी में LLB को विधि स्नातक कहते है। LLB कानून और विधि से जुड़ी हुई Educational Degree है जो LLB Course में स्टूडेंट्स को Law की पूरी जानकारी दी जाती है। जिसके बाद स्टूडेंट Lawyer बनकर Court में मुकदमे लड़ते हैं।

Judicial Service Examination क्या होता है?

अगर आप LLB की पढ़ाई पूरी कर चूके हैं और अब आप किसी पूर्व experience Judge की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं तो आपको इसके लिए न्यायिक सेवा एग्जाम देना होगा। एक fresher होने के नाते आपको Judicial Service Exam या फिर Subordinate Court का Judge बनना ही ऑप्शन होता है। आपको बता दें कि Judicial Service Exam राज्य लोक सेवा आयोग यानि State Public Service Commission के नियमों के तहत हेंडल किया जाता है। ये एग्जाम अलग-अलग भी करवाई जा सकती हैं।

न्यायिक सेवा परीक्षा के चरण (Steps of Judicial Service Exam)

Judicial Service Exam 3 Steps में करवाई जाती हैं।

  • प्रारंभिक परीक्षा
  • मुख्य परीक्षा
  • साक्षात्कार

प्रारंभिक परीक्षा एग्जाम पैटर्न (Preliminary Exam Pattern)

  • PAPER
  • SUBJECT
  • MARKS
  • PAPER I
  • GENERAL KNOWLEDGE
  • 150 (2 HOURS)
  • PAPER II
  • LAW
  • 300 (2 HOURS)

मुख्य परीक्षा (Main Exam Pattern)

  • PAPER
  • SUBJECT
  • MARKS
  • PAPER 1
  • GENERAL KNOWLEDGE
  • 150 (3 HOURS)
  • PAPER 2
  • LANGUAGE
  • 200 (3 HOURS)
  • PAPER 3
  • LAW I (SUBSTANTIVE LAW)
  • 200 (3 HOURS)
  • PAPER 4
  • LAW – II (PROCEDURE AND EVIDENCE)
  • 200 (3 HOURS)
  • PAPER 5
  • LAW – III (PENAL, REVENUE AND LOCAL LAWS)
  • 200 (3 HOURS)

साक्षात्कार (Interview)

Judicial Service Exam का तीसरा स्टेप Interview है जो मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले कैंडिडेट्स को भी मौका मिलता है। पहले 2 स्टेप पास कर चुके कैंडिडेट को Interview के लिए बुलाया जाता है। जो 100 Marks का एग्जाम होता है। अगर आप Interview में क्लियर कर जाते हैं तो आप जज के पद पर appoint हो सकते हैं।

Judge बनने के लिए क़ानूनी डिग्री करें

किसी भी कैंडिडेट को कानून की डिग्री लेना बहुत जरूरी होता है। जो आप हाईस्कूल के बाद 7 सालों में कर सकते हैं। इस डिग्री में 4 साल का अंडरग्रेजुएट पढ़ाई और 3 साल का लॉ स्कूल शामिल है। इस डिग्री के समय आपको संपत्ति कानून ,संविधानिक कानून, ठेके, नागरिक प्रक्रिया, कानूनी लेखन की जानकारी के बारे में पढ़ाया जाता है।

Judge बनने के लिए योग्यता

एक काबिल जज बनना आसान नहीं होता इसके लिए आपको दिन-रात एक करके लॉ की पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है। उसके बाद आपको कई कोर्ट्स में ट्रेनिंग लेनी पड़ती है तब जाकर आप एक जज की कुर्सी पर बैठने के काबिल बनते हैं। लेकिन जज के लिए कैंडिडेट के पास कुछ खास योग्यताओं का होना बहुत जरूरी होता है जैसे-

  • जज बनने के लिए कैंडिडेट के पास भारतीय नागरिकता होनी चाहिए।
  • 2 या 2 से ज्यादा कोर्ट में कम से कम 5 सालों का बतौर जज experience हो।
  • इसके अलावा किसी हाई कोर्ट में लगातार 10 साल तक बतौर Advocate काम का experience होना जरूरी है।
  • जज बनने के लिए कैंडिडेट की उम्र 62 साल के अंदर होनी चाहिए।

Judge की सैलरी

बतौर जज आप नाम के साथ साथ मोटी कमाई भी कर सकते हैं। क्योंकि एक जज की सैलरी लाखों में होती है। तो चलिए आपको बताते हैं किस जज की कितनी सैलरी होती है।

  • अगर एक जूनियर सिविल जज की सैलरी की बात करें तो उनकी सैलरी 45 हजार और सीनियर जज की सैलरी तकरीबन 80 हजार रुपये है। लेकिन ये सैलरी अलग-अलग राज्य में अलग अलग हो सकती है।
  • आप हाईकोर्ट में मुख्य जज की नौकरी कर रहे हैं तो आपकी सैलरी 2.50 लाख रूपये तक होगी। इसके अलावा हाई कोर्ट के बाकी जजों की सैलरी 2.25 लाख रूपये है।
  • सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज की सैलरी 2.80 लाख है और बाकी जजों की सैलरी 2.50 लाख रूपये है।

Conclusion,

दोस्तों आपको हमने आज जज बनने की पूरी जानकारी इस आर्टिकल के जरिए बताई। इस आर्टिकल में Judge कैसे बने? Types of District and Sessions Court, Civil Court, Criminal Court, Revenue Court के पद, Judge बनने के लिए किन Qualifications क्या हो? LLB का Full Form क्या है? Judicial Service Examination क्या होता है? Judge बनने के लिए क़ानूनी डिग्री करें, Judge बनने के लिए योग्यता और Judge की सैलरी के बारे में पूरी जानकारी दी।

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About Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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