Maa Baap Poem in Hindi: दुनिया में माँ बाप से बढ़कर कुछ नहीं हैं। माता-पिता ईश्वर का दिया एक ऐसा तोहफा हैं जिनका किसी भी प्रकार से वर्णन नहीं किया जा सकता। Maa-baap के बारे में लिखने और कहने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। अनेकों, कवियों और लेखकों ने माँ बाप के सम्मान में कविता, शायरी बहुत कुछ लिखा हैं। आज हम आपके साथ माँ बाप पर कविता शेयर कर रहे हैं जो आपके दिल में अपने माता-पिता के प्रति प्यार बढ़ायेंगी।
आज के ज़माने की युवा पीढ़ी अपने माता-पिता से ऐसा बरताव करने लगी है जैसे उनके जीवन में माँ-बाप की कोई अहमियत ही नहीं हैं। ना जाने क्यों लोगों को क्या हो गया है, उनके लिए माँ बाप की कोई वैल्यू ही नहीं हैं।
वे अपने माँ-बाप का सम्मान क्यों नहीं करते क्या पता? लेकिन maa-baap के बलिदानों को देखते हुए लिखी गयी बातें, कवितायेँ, शायरी आदि किसी के भी दिल में माँ-बाप के प्रति प्यार बढ़ा सकती हैं।
इसलिए हम इस पोस्ट में Maa baap par kavita लेकर आए है जो आपके दिल में अपने माता पिता के लिए प्यार भर देंगी।
Table of Contents
माता-पिता पर कविता – Maa Baap Par Kavita, Maa Baap Poem in Hindi
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माँ को समर्पित कविता
घुटनों से रेंगते रेंगते,
कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाँव में,
जाने कब बड़ा हुआ,
काला टीका दूध मलाई,
आज भी सबकुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा है,
सीधा साधा भोला भाला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा,
माँ मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।
मैं आज तक कभी ये जान न पाया,
माँ को मेरे कुछ कहने से पहले ही,
कैसे सब समझ आया,
माँ के पास जरूर होगी,
कोई जादू की छड़ी,
मैं मांगू उससे पहले,
वह कर देती हर बात पूरी,
माँ तो माँ है माँ के आगे कुछ भी नहीं,
माँ को ही बतानी होती है,
सबसे पहले हर बात नयी,
माँ मेरी दोस्त है सबसे खास,
सुरक्षित है मेरे सार राज उसके पास।
माता पिता पर कविता
घर मेरा एक बरगद है,
मेरे पापा जिसकी जड़ हैं,
घनी छाँव है मेरी माँ,
यही है मेरा आसमान।
पापा का है प्यार अनोखा,
जैसे शीतल हवा का झोंका,
माँ की ममता सबसे प्यारी,
सबसे सुंदर सबसे न्यारी।
हाथ पकड़ कर चलना सिखलाते,
पापा हमको खूब घुमाते,
माँ मलहम बनकर लग जाती,
जब भी हमको चोट सताती।
माँ पापा बिन दुनिया सुनी,
जैसे तपती आग की धुनी,
माँ ममता की धारा हैं,
पिता जीने का सहारा हैं।
Maa par Kavita in Hindi
माँ और माँ का प्यार निराला,
उसने ही मुझे संभाला,
मेरी मम्मी बड़ी प्यारी,
मेरी मम्मी बड़ी निराली,
क्या उनकी मैं बात बताऊँ,
सोचूँ उन्हें कैसे मैं जान पाऊं,
सुबह सवेरे मुझे उठाती,
कृष्णा कहकर मुझे जगाती,
जल्दी से तैयार मैं होता,
उसके कारण स्कूल जा पाता,
स्कूल से आते ही खुश होता,
जब मम्मी का चहेरा दिखता,
पोष्टिक भोजन मुझे खिलाती,
गृह कार्य भी पूरा करवाती,
माँ और माँ का प्यार निराला,
पर मैं करता गड़बड़ घोटाला,
जब मैं करता कोई गलती,
समझाने की कोशिश करती,
लुटाती मुझे पर अधिक प्यार,
करती मुझसे अधिक दुलार,
मुझे पर गुस्सा जब है आता,
दो मिनट में उड़ भी जाता,
मेरी मम्मी मेरी जान,
रखती मेरा पूरा ध्यान,
माँ और माँ का प्यार निराला,
उसने ही मुझे संभाला।
माँ बाप पर कविता
जब ख़ुशी आए तब खुश होना,
जब दुःख आए तब दुखी होना,
पर माँ बाप को भूलना नहीं,
जहाँ तुम्हारा बचपन बिता,
जहाँ तुमने चलना सिखा,
उस आशियाने को कभी भूलना नहीं,
जिन्होंने तुम्हें अपना नाम दिया,
दुनिया में एक पहचान दिया,
उन माँ-बाप को कभी भूलना नहीं,
जिसने उन्हें ईश्वर माना,
उसने जग संसार को जाना,
जब ख़ुशी आए तब खुश होना,
जब दुःख आए तब दुखी होना,
पर माँ बाप को भूलना नहीं।
माँ बाप पर दिल को छु जाने वाली कविता
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं,
सुबह की सैर में कभी चक्कर खा जाते है,
सारे मोहल्ले को पता है पर हमसे छुपाते हैं,
दिन प्रतिदिन अपनी खुराक घटाते है और,
तबियत ठीक होने की बात फोन पर बताते हैं,
ढीले हो गए कपड़ों को टाइट करवाते हैं,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं।
किसी के देहांत की खबर सुनकर घबराते हैं,
और अपने परहेजों की संख्या बढाते हैं,
हमारे मोटापे हिदायतों के ढेर लगाते हैं,
रोज की वर्जिश के फायदे गिनाते हैं,
तंदुरस्ती हजार नियामत हर दफे बताते हैं,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं।
हर साल बड़े शौक से अपने बैंक जाते हैं,
अपने जिन्दा होने का सबूत हर्षाते हैं,
जरा सी बड़ी पेंशन पर फुले नहीं समाते हैं,
और fixed deposit रिन्यू करते जाते हैं,
खुद के लिए हमारे लिए ही बचाते हैं,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं।
चीजें रखकर अब अक्सर भूल जाते हैं,
फिर उन्हें ढूंढने में सारा घर सर पे उठाते हैं,
और एक दुसरे को बात-बात में हड़काते हैं,
पर एक दूजे से अलग भी नहीं रह पाते हैं,
एक ही किस्से को बार-बार दोहराते हैं,
देखते ही देखते जवान माँ बाप बूढ़े हो जाते हैं।
उड़द की दाल अब नहीं पचा पाते हैं,
लौकी, तुरई और धुली मूंगदाल ही अधिकतर खाते हैं,
दांतों में अटके खाने को तिली से खुजलाते हैं,
पर डेटिस्ट के पास जाने से कतराते हैं,
काम चल तो रहा है की धुन लगाते हैं,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं।
हर त्यौहार पर हमारे आने की बाँट देखते हैं,
अपने पुराने घर को नई दुल्हन सा चमकाते हैं,
हमारी पसंदीदा चीजों का ढेर लगाते हैं,
हर छोटी बड़ी फरमाईश को पूरा करने के लिए,
माँ रसोई में और पापा बाजार दौड़े चले जाते हैं,
पोते-पोतियों से मिलने को कितने आंसू टपकाते हैं,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं।
Poem on Parents in Hindi
बेशक हो जाओ पर्वत से ऊँचा,
माँ-बाप का सर कभी झुकाना मत,
सर कट जाये पर पीछे मत हटना,
माँ बाप को कभी सताना मत,
माँ-बाप के बिन दुनिया में कोई नहीं,
इनका मान कभी घटाना मत।
माँ के ऊपर रूला देने वाली सुन्दर कविता
हमारे हर मर्ज की दवा होती है माँ,
कभी डांटती है हमें, तो कभी गले लगा लेती है माँ,
हमारी आँखों के आंसू अपनी आँखों में समा लेती है माँ,
अपने होठों की हंसी हम पर लुटा देती है माँ,
हमारी खुशियों में शामिल होकर अपने गम को भुला देती है माँ,
जब भी कभी ठोकर लगे तो हमें तुरंत याद आती है माँ,
दुनिया की तपिश में हमें आँचल की शीतल छाया देती है माँ,
खुद चाहे कितनी थकी हो, हमें देखकर अपनी थकान भूल जाती हैं माँ,
प्यार भरे हाथों से, हमेशा हमारी थकान मिटाती है माँ,
बात जब भी हो लजीज खाने की तो हमें याद आती है माँ,
रिश्तों को खूबसूरती से निभाना सिखाती है माँ,
लब्जों में जिसे बयां नहीं किया जा सके ऐसी होती है माँ,
भगवान् भी जिसकी ममता के आगे झुक जाते है,
अक्षर बच्चे ने जो सबसे पहले बोले, माँ, माँ माँ माँ..
जब पेट में भूख से चूहे कूदे मुझे खाना दे दो माँ,
जब तकलीफ हो दिल जोर से दुखे माँ, माँ,
जब किसी बात से डर लगे तब सुकून देती है माँ,
जब पढ़ने में मन ना लगे तब समझाती है माँ,
जब बच्चा कुछ बिगड़ने लगे तब जोर की मार लगाती है माँ,
जब बच्चे को माँ ना दिखे, बहुत याद आती है माँ,
जब सब कुछ खत्म होने लगे तब विश्वास जगाती है माँ,
जिंदगी की उलझनों से माँ जब भी निराश हो जाता हूँ,
टूटकर कही बैठ जाता हूँ,
दिल यूँ भर आता है पलकों से बहने लगते है समंदर,
जब सारी कोशिशें नाकाम हो,
उम्मीद दम तोड़ देती है तन्हाई के उस मंजर में,
माँ मेरी याद बहुत आती है,
मगर तू कितनी दूर है ये सोचकर आँखें छलकती है काश में तेरे पास होता,
तू झट से गले लगा लेती, मेरी सब उलझनों को अपने आँचल से पोंछ देती,
गोद में सर रखकर बेफिक्र होकर सो जाता, तू प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरती जाती जिन्दगी यूँ मुन्तजिर है,
माँ तेरी दुआओं आज भी जब किसी मुश्किल में होता हूँ माँ तेरी याद बहुत आती हैं,
इतनी दूर क्यूँ मुझे भेजा, मैं सदा तेरे पास रहना चाहता था,
पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया, क्यूँ मगर फासले आ गए है,
दरमियाँ यहाँ मेरा मन भी नहीं लगता हैं, भीड़ में रहकर भी खुद अकेला पाता हूँ,
जब भी कोई कांटा चुभता है यहाँ मैं खड़ा बस तेरी राह देखूं,
कब तू आकर दिलासा देगी मुझे जैसे बचपन में दिया करती थी,
गिरते सम्भलते आख़िरकार चलना तो सीख गया हूँ,
खुद को सख्त भी बना लिया है मैंने मगर आज भी,
जब मायुस हो जाता हूँ माँ तेरी याद बहुत आती हैं।
ये थी माँ-बाप पर लिखी गयी कुछ कवितायेँ।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि इन Maa baap poem in hindi को पढ़कर आपके दिल में अपने माता पिता के लिए प्यार जागेगा।
अपने माँ बाप का कभी दिल मत दुखाना।
यदि आप माँ बाप पर शायरी या अनमोल वचन पढ़ना चाहते है जो किसी के भी दिल में maa-baap के प्रति प्यार जगा दे तो निचे वाली पोस्ट पढ़ें।
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harikesh
bilkul sahi kha apne maa baap swaym hmare bagwaan hote hai
Pinki+Kumari
मां-बाप साक्षात भगवान का रुप होते हैं. इतने सुंदर विचार शेयर करने के लिए आपका दिल से शुक्रिया.