इस दुनिया में वक्त किसके पास है हर आदमी अपनी जिंदगी में व्यस्त है। आपको भी वक्त नहीं मिलता होगा फिर भी कभी वक्त मिले तो किसी बच्चे से पूछ कर देखना की वो बड़ा होकर क्या बनना चाहता है और ध्यान से सुनना उस बच्चे से उसके सपनों के बारे में, आपको यह पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी की उसे अपने सपने पर यकीन है या नहीं, क्योंकि आपको उस बच्चे का यकीन उसकी आँखों और उसकी बातों में दिख जाएगा। अगर आपको थोडा वक्त और मिले तो कभी अपने आप से भी पूछ कर देखना की आप क्या बनना चाहते है और यह भी पूछना की क्या आपको यकीन है की जो आप बनना चाहते है वो आप बन पायेंगे? (लेकिन)
यदि आपका जवाब हाँ है तो बहुत अच्छी बात है और यह इस बात का संकेत है की आपको अपने सपनों पर काम करते रहना चाहिए, पर हकीकत तो यह है की जब भी लोग अपने सपनों की बात करते है कुछ करने, कुछ बनने की बात करते है उनके सपने के साथ एक लेकिन जुड़ा होता है।
जैसे, मैं क्लास में फर्स्ट तो आना चाहता हूँ लेकिन…. मैं शिक्षक तो बनना चाहता हूँ लेकिन…. मैं बिज़नेस तो शुरू करना चाहता हूँ लेकिन….। जितने लोग उतने लोग, सबके अपने अपने लेकिन और यही फर्क है एक बच्चे को कामयाबी के सिवा, अपने सपने के सिवा कुछ दिखाई नहीं देता है और आपको अपनी मुश्किलों, अपनी कमियों और लेकिन अलावा कुछ दिखाई नहीं देता है।
बचपन से जवानी के सफर में उम्र तो बढ़ जाती है, समझदारी भी बढ़ जाती है पर खुद पर यकीन कम हो जाता है। जब जिंदगी में यकीन कम हो जाए तो हम बड़े सपने देखना और बड़ा सोचने की क्षमता खो देते है और एक झूठी जिंदगी में जीने लगते है। हम अपने आप से रोज झूठ बोलते है की हमें जिंदगी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए।
मैं कुछ बनना चाहता हूँ लेकिन…..
हम रोज खुद को समझा लेते है की जिंदगी में हमारे पास जो है, जितना है, बहुत है। जबकि सच तो यह है की दुनिया में जितने भी लोग है सब अपनी जिंदगी को और बेहतर बनाना चाहते है। सब अपनी जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीना चाहते है। एक नजर उन लोगों की तरफ छोड़े जिन्होंने कामयाबी हासिल की है।
उन लोगों को भी देखो जिन्होंनें अपने सपने सच किए है ये सब लोग आसमान से नहीं टपके है, इन लोगों ने कोई स्पेशल बादाम नहीं खाए है। ये भी हमारे जैसे लोग है इनकी जिंदगी में भी हर काम के पीछे लेकिन था पर वो लेकिन इनके सपनों के सामने बहुत छोटा था इन्होनें अपने लेकिन को अपना बहाना नहीं बनाया और ना ही अपने सपनों को सच करने के काम को बंद नहीं किया।
क्या आप जानते है की लोग कितने कदम चलने के बाद अपने सपने पर काम करना बंद कर देते है बिना एक कदम चले। सबसे पहले लोग सोचते है की उन्हें कामयाब होना है फिर वो सोचते है की कामयाब होने के लिए ये रास्ता बेहतर है उसके बाद वो उन मुश्किलों के बारे में सोचते है जो उस रास्ते पर आएँगी। फिर वो सोचते है उस वक्त के बारे में जो उस रास्ते पर लगेगा।
ऐसी सोच से वो आखिर में ढूंढ़ लेते है अपना एक लेकिन, अपना एक मगर की वो उस रास्ते पर क्यों नहीं चल सकते और मिल जाता है उन्हें अपने सपने पर काम न करने का एक बहाना और इस बहाने से लोग खुद को बहला लेते है और समझा लेते है की क्यों उनके सपने पुरे नहीं हो सकते। कमाल है आपने एक सपना देखा और एक कदम चले बिना ही, बिना कोई कोशिश किए अपने सपने को एक डब्बे में बंद करके रख दिया।
वाकई कमाल है अरे भाई, क्यों सोचें की जिंदगी में कल क्या होगा क्योंकि कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा हाँ ये सच है की हर कोशिश कामयाब नहीं होती पर ये भी सच है की हर नाकामयाब कोशिश हमें कुछ ना कुछ सिखा के जाती है और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
सपने पुरे करने हो तो सपनों पर काम करना पड़ता है बिना रूके, बिना किसी बहाने के रोज चलना पड़ता है। खड़े रहकर आज तक कोई कही नहीं पहुँचा। धीरे-धीरे ही सही पर कदम बढ़ाते रहें, बेतुके और घिसे-पिटे बहाने बनाना छोड़ दें। बहुत हो गया ये लेकिन, अगर मगर क्योंकि ये लेकिन आपको ना कहना सिखा देता है।
आप हर चीज को ना कहने लगते है बिना ये जाने की किसी काम या आईडिया को ना कहने का मतलब है अपने सपनों, अपनी जिंदगी को ना कहना है। सोच के देखो कितने बढ़िया, कितने लाजवाब आईडिया है आपके पास। सोच के देखो कितना कुछ है जो आप करना चाहते है और आप कर सकते है।
तो आज ही उठा ले वो पहला कदम अपने सपने अपनी मंजिल की तरफ क्योंकि हर लंबे और खुबसुरत सफर की शुरूआत इसी पहले कदम से होती है। अगर आपने अपने सपनों पर काम करने का फैसला नहीं किया,
अगर आपने जिंदगी को जिंदगी की तरह जीने का फैसला नहीं किया, अगर आपने अपने डर का सामना करने का फैसला नहीं किया, अगर आपने अपनी जिंदगी, अपने सपनों को हाँ कहने का नहीं फैसला किया तो दुनिया आगे बढ़ जाएगी और आप पीछे छुट जायेंगे।
आज ही फैसला कर लें की आप कुए के मेंढ़क नहीं है और कुए से बाहर निकलने के लिए तैयार है। आज ही फैसला कर ले कामयाब होने के लिए सपने सच करने के लिए जो भी सीखना पड़ेगा जो भी करना पड़ेगा, आप उसके लिए तैयार है। आप हर आंधी, हर तूफान का सामना करने के लिए तैयार है।
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वक्त कितना भी बुरा हो, मुश्किल कितनी भी बड़ी हो कैसी भी चुनौती हो आप आपने सपनों का साथ नहीं छोड़ेंगे, खड़े रहेंगे, डेट रहेंगे अपने सपनों के साथ, क्योंकि जब आप अपने सपनों के साथ खड़े हो जाते है तो ये दुनिया, ये कायनात भी आपके साथ कड़ी हो जाती है।
आपका सपना आपके हर लेकिन, हर अगर मगर, हर किन्तु, हर परन्तु से बड़ा है निकाल फेकियें हर लेकिन, हर अगर-मगर को अपनी जिंदगी की डिक्शनरी से और लिखना शुरू करिए अपने आने वाले खुबसूरत कल की कहानी, बस आपको पता ही नहीं चलेगा की कब आप लिखते-लिखते कामयाब बन गए।
manjeet singh
बिलकुल सही बात शेयर की आपने
viram singh
बहुत बढ़िया. ऐसा हर किसी के साथ होता है की मे वो कर लेता लेकिन….. मेरे पास पैसे नहीं है, टाइम नहीं है, सपोर्ट नहीं है. जैसे कई बहाने बनाने लगते है.
kumar
आपकी पोस्ट में मोटिवेशन करने के लिए सब कुछ है जुमेदीन sir अगर कोई वाकई कामयाब बनना चाहता है तो उसे आपकी ये पोस्ट हर सुबह सबसे पहले पढनी चाहिए वो भी कम से कम 21 दिन तक ऐसा करने से ना वो सिर्फ उसे motivate करेगी बल्कि उसकी आदत बन जाएगी और कामयाबी मिलना तय हो जायेगा. थैंक्स फॉर शेयरिंग