दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जो संत मदर टेरेसा के बारे में नहीं जानता हो, लेकिन उनके असली नाम के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज यानी 26 अगस्त 2024 को संत मदर टेरेसा की 109वीं जयंती है, इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि Mother Teresa का पूरा नाम क्या है? या फिर मदर टेरेसा का असली नाम क्या है? What is Real Name of Mother Teresa in Hindi.
शांतिदूत मदर टेरेसा ममता की मूरत थी। दुखी लोगों को गले लगाकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाना और बीमार लोगों की मदद, इलाज करना उनकी पहचान थी।
पूरी दुनिया उन्हें मदर टेरेसा के नाम से जानती है लेकिन वास्तव में उनका नाम कुछ और ही है, जिस के द्वारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है।
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मदर टेरेसा का असली नाम क्या था? जानें हिंदी में
शांतिदूत और मानवता की प्रतिमूर्ति महान आत्मा संत मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बेनियाई परिवार में हुआ था।
हम सभी उन्हें मदर टेरेसा का नाम से जानते है लेकिन वास्तविक में उनका असली नाम कुछ और ही है। उनका असली नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू (Anjezë Gonxhe Bojaxhiu) था।
उन्होंने भारत के 3 दुखियों की सेवा की, यहां तक कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कुष्ठ रोगियों और अनाजों की सेवा करने में लगा दी।
इसी काम की वजह से उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मदर टेरेसा के बारे में कुछ खास बातें:
मदर टेरेसा कैथोलिक थी लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता मिली हुई थी, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि उन्हें कई अन्य देशों की नागरिकता भी मिली हुई थी।
जिसमें ऑटोमन, सर्बिया, बुल्गेरिया, और युगोस्लाविया शामिल हैं। साल 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों की सेवा करने का संकल्प लिया था।
उन्होंने निस्वार्थ सेवा के लिए कोलकाता में “मिशनरीज ऑफ चैरिटी” की स्थापना की थी। फिर 1981 में उन्होंने अपना नाम बदल लिया था।
अल्बानिया मूल की मदर टेरेसा ने कोलकाता में गरीब और पीड़ित लोगों के लिए जो कुछ किया वह दुनिया भर में अभूतपूर्व माना जाता है। इनकी 133 देशों में 4501 सिस्टर है।
Mother teresa को उनके जीवन काल में गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करने के लिए कई प्रकार के पुरस्कार मिले। इसमें 1989 में मिला नोबेल पुरस्कार सबसे प्रमुख है।
वेटिकन सिटी में एक समारोह के दौरान रोमन कैथोलिक चर्च के पोप ने उन्हें संत की उपाधि दी थी, अब उनका नाम मदर टेरेसा से संत मदर टेरेसा हो गया था।
अपने नोबेल पुरस्कार के साथ-साथ भारत रतन, टेम्पटन प्राइज, ऑर्डर ऑफ मेरिट और पदम श्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था। उनका कहना था कि
“जख्म भरने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होठों से कहीं ज्यादा पवित्र होते हैं।”
वो मृत्यु तक कोलकाता में ही रही और आज भी उनकी संस्था गरीबों के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने ना सिर्फ भारत के बल्कि कई अन्य देशों के गरीब और बेसहारा लोगों की मदद की और उन्हें गले लगाया, इसलिए उन्हें सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है।
आपको बता दें कि, मदर टेरेसा पर जीवन के अंतिम समय में कई लोगों ने आरोप भी लगाए। उन पर गरीबों की सेवा करने के बदले उनका धर्म बदलवाकर इसाई बनाने का आरोप लगाया गया था।
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बाद में लगातार गिरती सेहत की वजह से 5 सितंबर 1997 में उनकी मौत हो गई। वास्तव में वो एक महान आत्मा थी।
MD Arshad Khan
भाई मेरा एक सवाल है जवाब जरूर देना
भाई जब मैंने Adsense Identity verification किया था तो मैंने अपने आधार कार्ड से किया था मेरे आधार कार्ड में मेरे नाम के spelling में mistake था मैंने वही नाम adsense में भी रखा और Identity Verification कर लिया है।
लेकिन भाई अभी मेरे को आधार में नाम सही करवाना है तो मेरे Adsense में कोई प्रॉब्लम नही होगी न
जुमेदीन खान
नहीं कोई प्रॉब्लम नहीं होगी