हमारे देश में ऐसे कितने ही लोग हैं जो उत्पीड़न का शिकार हैं। कई बच्चे अनाथ हैं तो कितने ही लोग अपने वृद्ध मां-बाप को घर से बाहर निकाल देते हैं। कहीं तलाक या विधवा होने के बाद महिलाएं बेसहारा हो जाती हैं तो कई महिलाएं रेप या एसिड अटैक जैसे घिनौने कृत्य का शिकार हो जाती हैं। जब इन लोगों को कोई नहीं अपनाता है तो इनके पास NGO से मदद लेने का ही रास्ता बचता है। क्या आप जानते है कि ये एनजीओ क्या है और कैसे काम करता है? इस पोस्ट में हम इसी के बारे में जानेंगे।
एनजीओ लोगों की मदद करने के अलावा देश हित या पर्यावरण के हित में भी काम करते हैं। अगर आप NGO के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं तो हम आपको इस आर्टिकल में डिटेल में NGO की जानकारी देंगे।
हम आपको बताएंगे कि NGO क्या है, कैसे काम करते हैं और अगर आप अपना खुद का एनजीओ शुरू करना चाहते हैं तो कैसे कर सकते हैं। तो आईये जानते है, NGO kya hai, kaam kaise karta hai, Full information of NGO in Hindi, how it works?
Table of Contents
एनजीओ क्या है? (What is NGO in Hindi)
NGO का मतलब होता है “NON-GOVERNMENTAL ORGANIZATION” यानि गैर सरकारी संगठन। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि NGO सरकारी नहीं होते, बल्कि गैर सरकारी होते हैं।
मतलब ये है कि ये प्राइवेट संस्थाएं होती है जो जन कल्याण का काम करती हैं। आसाना भाषा में कहें तो समाज सेवा। NGO से अनेक तरीके से समाज की सेवा की जाती है।
जैसे गरीबों को घर देना, खाना देना, शिक्षा देना, स्वास्थ्य का ध्यान रखना, पर्यावरण के लिए कई पहल करना, महिलाओं की सुरक्षा आदि।
चूकि ये संगठन गैर-सरकारी होते हैं इसीलिए इनकी वर्किंग में सरकार का कोई रोल नहीं होता है।
NGO का उद्देश्य समाज का कल्याण करना होता है। NGO की सबसे पहले शुरूआत अमेरिका से की गई थी। चलिए अब जानते है कि ये एनजीओ काम कैसे करता है,
NGO कैसे काम करते हैं?
आपको अब ये तो पता चल ही गया होगा कि NGO क्या है, अब हम जानेंगे कि एनजीओ कैसे काम करते हैं? क्या कोई भी व्यक्ति इसे चला सकता है? बता दें कि NGO को कोई भी एक सिंगल व्यक्ति नहीं चला सकता है। बल्कि एक एनजीओ रन करने के लिए 7 या उससे ज़्यादा लोगों की ज़रूरत पड़ती है।
ये खुद के बेनिफिट के उद्देश्य से नहीं बल्कि दूसरों को लाभ पहुंचाने के मकसद से शुरू किया जाता है। समाज सेवियों का ये समूह सामाजिक सुधार के लिए काम करता है।
NGO चलाने वालों का समूह किसी भी तरीके से समाज सेवा कर सकता है। आपने कई बार सुना होगा कि acid survivors को NGO में रखा जाता है और उन्हें वहां रोजगार दिलाया जाता है।
कुछ NGO जगह जगह जाकर लोगों की मदद करते हैं। कुछ एनजीओ वृद्धों का सहारा देते हैं। NGO रजिस्टर भी कराया जा सकता है और बिना रजिस्टर कराए भी समाज सेवा की जा सकती है।
रजिस्टर कराने का फायदा ये होता है कि समाजिक कल्याण के लिए कर रहे कामों में सरकार से भी थोड़ी आर्थिक सहायता मिल जाती है। जबकि Non-Registered में खुद से ही कार्य किया जाता है।
आपको बता दें कि India में करीब 3.2 मिलियन रजिस्टर्ड NGOs हैं। भारत के सभी एनजीओo Central Socities Act के अंतर्गत काम करते हैं। लेकिन राजस्थान राज्य में NGOs के लिए Rajasthan Socities Act बनाया गया है।
NGO के क्या काम होते हैं?
समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से शुरू किए ये संगठन काफी काम करते हैं। जैसे कि
- गरीबों को खाना उपलब्ध कराना
- अच्छी शिक्षा
- अनपढ़ गरीब लोगों को पढ़ाना
- महिलाओं को आवास उपलब्ध कराना
- पेड़-पौधे लगाना
- जल संरक्षण के लिए काम करना
- प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाना
- आदिवासियों की समस्या के लिए काम करना
- बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए काम करना
- वृद्ध और अनाथ बच्चों को सहारा देना
अपना NGO कैसे शुरू करें?
अगर आप अपना NGO शुरू करना चाहते हैं तो आपको उसके लिए कुछ ज़रूरी बातों की जानकारी होनी चाहिए। सबसे पहले तो NGO चलाने के लिए आपको ये समझना होगा कि आप देश की किस मूल समस्या के लिए काम करना चाहते हैं।
आप सबसे पहले अपने एनजीओ का Mission, vision और objective तय करें। इसके बाद अपने साथ कुछ ऐसे लोगों का ग्रुप तैयार करें जो समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।
इसके बाद आप अपने एनजीओ को रजिस्टर कराएं। रजिस्ट्रेशन के दौरान आप अपने ग्रुप के लोगों को एक Specific designation दे सकते हैं। जैसे अध्यक्ष, सचिव, सलाहकार सदस्य आदि।
ध्यान रहें कि NGO का गठन करने के लिए ऐसे लोगों को सिलेक्ट करें जो वाकई समाज सेवा करना चाहते हैं और ज़िम्मेदार भी हों।
NGO के लिए डॉक्यूमेंट्स
दोस्तों, किसी भी Organization को रजिस्टर कराने के लिए हमेशा कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ती है। ठीक इसी तरह NGO को भी रजिस्टर कराने के लिए आपके पास ये डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए।
- Trust Deed/Memorandum of Association
- Rules and Regulation/Memorandum
- Articles of Association Regulation
- Affidavit from President
- Id Proof (Voter Id/ Aadhar Card)
- Residence Proof
- Registered Office Address Proof
- Passport (Mandatory)
ये डॉक्यूमेंट्स होने के अलावा आपको NGO के लिए एक separate बैंक अकाउंट की ज़रूरत होगी। ताकि आपको डोनेशन मिलें तो उसी अकाउंट में जाएं।
NGO कैसे रजिस्टर करें?
हमारे देश में NGO शुरू करने के लिए 3 एक्ट बनाने गए हैं। आप इन तीनों में से किसी भी एक एक्ट के अंतर्गत अपना एनजीओ रजिस्टर करा सकते हैं-
Trust Act
हर राज्य में अपने अलग अलग नियम हो सकते हैं। लेकिन Trust act के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दो trustees होने चाहिए।
इसके बाद आपको Charity Commissioner या Registrar के Office में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा। इस एक्ट के तहत NGO रजिस्टर कराने के लिए Deed documents की ज़रूरत पड़ती है।
Society Act
ये एक्ट ज़्यादातर महाराष्ट्र राज्य में इस्तेमाल किया जाता है। इस एक्ट के तहत NGO ट्रस्टी के तौर पर रजिस्टर किया जाता है।
इसके लिए Memorandum Of Association And Rules And Regulation Document की ज़रूरत पड़ती है। साथ ही एनजीओ के लिए 7 सदस्य होने चाहिए।
Companies Act
इसके लिए Memorandum And Articles Of Association And Regulation Document की ज़रूरत पड़ती है।
इस डॉक्यूमेंट को बनाने के लिए किसी भी Stamp paper की ज़रूरत नहीं होती और डॉक्यूमेंट्स के लिए 3 सदस्यों का होना अनिवार्य है।
तो इन एक्ट के ज़रिए आप अपना NGO रजिस्टर करवा सकते हैं।
भारत में टॉप NGO कौन कौनसे है?
यूं तो भारत में लाखों गैर सरकारी संगठन हैं लेकिन हम आपको कुछ टॉप एनजीओ के नाम बताएंगे जिन्हें आप अपना रोल मॉडल बनाकर आगे बढ़ सकते हैं।
- Smile Foundation
- Nanhi Kali
- Give India Foundation
- Goonj
- Helpage India
- Being Human
- Child Rights and You (Cry)
- Sammaan Foundation
- Sargam Sanstha
NGO को फंड कैसे मिलता है?
ये जानना सबसे अहम है कि आखिर NGO को फंड कैसे मिलता है। अगर आप अपना एनजीओ शुरू करने जा रहे हैं तो फंडिंग कैसे एकत्रित करें। क्योंकि कोई भी व्यक्ति जब भी किसी बड़े लेवल पर काम करता है जो उसे काफी सारे पैसे की ज़रूरत पड़ती है।
ऐसे में फंडिंग बेहद ज़रूरी है। इसीलिए फंड एकत्रित करने के लिए निम्न बातों का पालन करे।
अपनी एक वेबसाइट बनाएं जहां आपके NGO से जुड़ी सारी डिटेल्स हों। वेबसाइट पर आप एक डोनेशन अकाउंट भी क्रिएट कर सकते हैं जिससे लोग डायरेक्ट आपको डोनेट कर सकें।
इसके अलावा आप छोटी-मोटी एक्टिविटीज या प्रोग्राम करवा सकते हैं जिसमें ज़्यादा से ज़्यादा लोग इकट्ठे हों और आपके initiative के बारे में जानें। आप इस प्रोग्राम में किसी बड़ी समाजिक कार्यकर्ता, नेता, अभिनेता आदि को बुला सकते हैं।
अगर आपका NGO रजिस्टर्ड है तो आपको सरकार से भी फंडिंग मिल सकती है। उसके लिए आपको कुछ नॉर्म्स फॉलो करने होंगे।
सरकार से मदद के अलावा आप बड़ी-बड़ी प्राइवेट कंपनियों से भी संपर्क कर सकते हैं।
इस तरीके से एक एनजीओ को फंड मिलता है।
अंतिम शब्द,
दोस्तों, इस आर्टिकल में हमने NGO के बारे में डिटेल में जाना। एनजीओ क्या है, कैसे काम करते हैं, कैसे फंड मिलता है और अगर आप अपना NGO शुरू करना चाहते हैं तो कैसे करें।
देखिए, एनजीओ दूसरों की सेवा करने के लिए बनाया जाता है इसीलिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि व्यक्ति का मकसद सिर्फ समाज का भला करना हो ना कि अपना फायदा करना।
आज के इस दौर में NGO किसी फरिश्ते से कम नहीं होते जो बिना किसी लालच के दूसरों की मदद करते हैं।
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Abhishek Jatav
NGO
Se Ham kin kin persono ki help kar sakte hai
Or kaise
Kai baar kuch log problem ko face nahi kar paate or NGO band kar dete hai aap unke liye kiya raye dena chahegi
Hardik
Nice Article
Aapne bhut achcha sujhaw diya..
Nitin Kumar Singh
Hey Bhawana Its Good Information Thanks For Your Post.
Jagdish Chandra Gupta
Bahut sundar jankari di apne
Pawan Kumar Gautam
Very nice artical.. very helpful
Himanshu kumar
Thanks sir/mam for write this type of articles .
Pinki Kumari
भावना जी, एक और उपयोगी जानकारी के लिए आपका धन्यवाद।
Lokendra bouddh
Hay
NGO MAI SUPERVISER KAISE BANE TEAM LEDAR BANA HAI MADAT KARE
Shinugupta
Ngo को रजिस्टर्ड कराना है। कैसे कराएं
मैं छोटे शहर में रहतीं हूं।
Vikram
Nice Article
Aapne bhut achchi jankari di
shyam kumar
sir mene bhi samaj sewa karne ke liye NGO open karne ke baare me socha tha lekin iski jankari na hone karan nhi open kiya. aapki post padkar mujhe bahut help mili Thank you sir
Neha Singh
पोस्ट अच्छा लगा बहुत जायदा |