आप सभी Share Market के बारे में तो जानते ही होंगे। जिसमें इन्वेस्ट करके लोग लाखों रूपए कमा लेते हैं। जब भी आपने शेयर मार्केट का जिक्र सुना होगा तो यकीनन आपने Nifty और Sensex के बारे में भी सुना होगा। टीवी चैनल्स में शेयर मार्केट की खबरें बताते हुए बताया जाता है कि Nifty में गिरावट हुई, निफ्टी इतने पर आज ऊपर आया और इतने अंक के साथ बंद हुआ। पर क्या आपने कभी सोचा कि ये शेयर मार्केट का निफ्टी से क्या कनेक्शन है? क्या आप जानते है कि ये निफ्टी क्या है (What is Nifty in Hindi) और ये सेंसेक्स से कैसे अलग है? इस पोस्ट में इसी की जानकारी मिलेगी।
मैंने अपने पिछले आर्टिकल में Stock मार्किट या Share Market के बारे में पूरी जानकारी दी थी। जिनमे मैंने Nifty और Sensex का भी ज़िक्र किया था लेकिन डिटेल में नहीं बताया था।
इसीलिए आज मैं आपको इस आर्टिकल में Nifty के बारे में विस्तार से बताउंगी। जैसे कि Nifty क्या है, कैसे काम करता है, ये Sensex से कैसे अलग है, Nifty का हमारे देश की Economy से क्या कनेक्शन है इत्यादि।
तो चलिए बिना समय बर्बाद किए Nifty के बारे में जानते हैं। Nifty kya hota hai, what is nifty in hindi, nifty kya hai aur ye sensex se kaise alag hai?
Table of Contents
- निफ्टी क्या है? (What is Nifty in Hindi)
- Nifty की शुरूआत कब हुई?
- NIFTY का क्या काम होता है?
- Nifty और अर्थव्यवस्था (Economy)
- Nifty की Calculation कैसे होती है?
- Market Capitalization क्या है?
- Free Float Market Capitalization क्या है?
- निफ्टी के फायदे? (Benefits/Advantages of Nifty in Hindi)
- Nifty और Sensex में क्या अंतर/फर्क है?
निफ्टी क्या है? (What is Nifty in Hindi)
Nifty की फुल फॉर्म (Full form) है National Stock Exchange Fifty यानि राष्ट्रीय शेयर बाज़ार पचास। ये नेशनल और फिफ्टी दो शब्दों से मिलकर बना हुआ शब्द है। इसको NIFTY 50 भी कहते है।
लेकिन आमतौर पर ज्यादातर लोग इसे निफ्टी के नाम से ही बुलाते और जानते है। ये निफ्टी National Stock Exchange of India का एक महत्वपूर्ण benchmark है।
निफ्टी की फुल फॉर्म में 50 का मतलब है National Stock Exchange की टॉप 50 कंपनियां। यानि निफ्टी NSE की टॉप 50 कंपनियों का सूचकांक (Index) है।
जैसा मैंने आपको ऊपर बताया कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में करीब 2000 कंपनियां रजिस्टर्ड होती हैं लेकिन इतनी कंपनियों की कीमत को मापने में थोड़ी दिक्कतें हो सकती है।
इसीलिए 12 अलग अलग सेक्टर्स से टॉप 50 कंपनियों को चुना गया जो शेयर बाज़ार की हलचल की जानकारी दे सकें। निफ्टी के अंतर्गत 50 कंपनियों के कार्यों, कीमतों को जांचा जाता है।
Nifty की शुरूआत कब हुई?
Nifty की शुरूआत साल 1994 में की गई थी। निफ्टी इंडिया का सबसे अहम Stock Index माना जाता है। Share Market की मंदी और तेज़ होने की जानकारी हमें निफ्टी के ज़रिए ही पता चलती है।
निफ्टी में चुनी गई 50 कंपनियां अपने अपने सेक्टर की बड़ी कंपनियां होती हैं और इन Listed Companies का Market Capitalization पूरे बाज़ार का करीब 60 फीसदी होता है।
जब भी इन लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स ज़्यादा बिकने लगते हैं तो निफ्टी की दर में तेज़ी आती है और जब शेयर्स गिरने लगते हैं तो निफ्टी की दर में मंदी आने लगती है। इसी प्रोसेस से पता चलता है कि अब शेयर बाज़ार की हालत कैसी चल रही है।
NIFTY का क्या काम होता है?
Nifty का काम हमको उन 50 कंपनियों और बाज़ार की चाल के बारे में जानकारी प्रदान करना होता है, जिन्हें Index Committee निफ्टी के लिए सिलेक्ट करती है।
इससे हमें पता चलता है कि जिन कंपनियों के शेयर लिस्टेड है, वो कंपनी किस प्रकार से काम कर रही है। अगर कोई कंपनी अच्छा काम कर रही है तो उसका सीधा असर कंपनी के शेयरों के भाव पर पड़ता है।
और फिर उस कंपनी के शेयर्स के भाव बढ़ जाते है और जब किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर्स के भाव ऊपर जाते है या फिर बढ़ जाते है तो इसकी वजह से निफ्टी में भी तेजी आती है।
ऐसे ही अगर इंडेक्स में लिस्टेड कंपनियों को लाभ कम हो रहा है या नहीं भी हो रहा होता है तो इसका असर भी सीधा उस कंपनी के शेयर्स के भाव पर पड़ता है और शेयर्स के भाव में कमी आने लगती है।
Nifty और अर्थव्यवस्था (Economy)
निफ्टी का हमारे देश India की अर्थव्यवस्था से सीधा और गहरा कनेक्शन है। देखिए जब निफ्टी बढ़ जाता है तो ये संकेत होता है कि बड़ी बड़ी कंपनियां मुनाफे में है।
जब देश की बड़ी कंपनियां Capital Gain करेंगी, ज़्यादा पैसा कमाएंगी तो टैक्स भी ज़्यादा भरेंगी जो सीधा हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा। हमारे देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी।
इसके अलावा जब भी कोई विदेशी कंपनी भारत में इन्वेस्ट करने की सोचती है तो सबसे पहले वो देश की कुछ सालों की निफ्टी चेक करती है।
अगर निफ्टी में गिरावट चल रही है तो कंपनी अनुमान लगा लेती है कि इंडियन मार्केट की ग्रोथ रेट कम है तो यहां बिजनेस करने से लाभ नहीं होगा और वहीं, अगर हमारा मार्केट ग्रोथ रेट अच्छी पाई जाती है तो विदेशी कंपनियां पैसा लगाती हैं।
जिससे रोज़गार बढ़ने के साथ साथ इकॉनमी भी मज़बूत होती है। तो इसीलिए पूरे शेयर बाज़ार की चाल समझने के साथ साथ हमें ये भी सुनिश्चित हो जाता है कि इसका हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
Nifty की Calculation कैसे होती है?
ये जानना सबसे ज़रूरी है कि निफ्टी को कैलकुलेट कैसे किया जाता है। Nifty के Calculate करते वक्त Base Year 1995 और Base Value 1000 का इस्तेमाल होता है।
निफ्टी को Calculate करने के लिए दो Terms आपको पता होनी चाहिए।
- Market Capitalization
- Free Float Market Capitalization
यहाँ पर हम आपको इनदोनो के बारे में थोडा एक्सप्लेन करके बता देते है, ताकि आपको ठीक से समझ आ सके।
Market Capitalization क्या है?
Market Capitalization यानि पूंजी बाज़ार, ये किसी भी कंपनी की कीमत होती है। जिसे हम कंपनी के मौजूदा शेयर की कीमत को कंपनी के उपलब्ध शेयर की संख्या से गुणा करते हैं।
मान लीजिए कंपनी के मौजूदा एक शेयर की कीमत 100 रूपए है और कंपनी के पास टोटल शेयर 1000 है। तो कंपनी की Market Capitalization हुई
- Market Capitalization – Total Number of Shares x Current Price Of One Share
यानि
- 1000 X 100 = 100000 रूपए
Free Float Market Capitalization क्या है?
Free Float Market Capitalization को हम Open Market Share भी कहते हैं। ये कंपनी के वो खुले हुए शेयर होते हैं तो ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं।
बता दें कि एक कंपनी में कई तरह के Investors होते हैं जिनमें Promoters भी शामिल होते हैं तो जो शेयर्स इनके पास होते हैं वो ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं होते।
Free Float Market Capitalization को Calculate करने के लिए कंपनी के मौजूदा एक शेयर की कीमत को उन शेयर्स के साथ गुणा किया जाता है जो खरीदने बेचने के लिए एवेलेबल हैं।
मान लीजिए कंपनी के मौजूदा एक शेयर की कीमत 100 रूपए है और कंपनी के पास टोटल शेयर्स 1000 हैं, जिनमें से 200 शेयर्स प्रमोटर्स के पास हैं। तो Free Float Market Capitalization हुआ-
- Free Float Market Capitalization = Total Number of Shares Available for Trading x Current Price of One Share
यानि
- 1000-200= 800, 800 x 100 = 8000
Nifty की Calculation करने के लिए हमें लिस्टेड 50 कंपनियों के Free Float Market Capitalization को जोड़ते हैं और उसे 1995 के निफ्टी इंडेक्स 1000 से गुणा कर देते हैं और Market Cap से भाग करते हैं।
- Nifty = Sum of Free Float Capitalization x Index Value In 1995/Market Cap In 1995
याद रहें कि यहां Index Value 1000 है।
आप एक उदाहरण से इसे समझते हैं।
मान लीजिए दो कंपनियां है A और B,
- A के पास 1000 शेयर हैं जिनमें से 600 ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध है और हर एक शेयर की कीमत 50 रूपए तय की गई है।
- B के पास टोटल शेयर्स की संख्या 2000 है और ट्रेडिंग के लिए 1000 एवेलेबल है और हर शेयर की कीमत 100 रूपए है।
- Company A का Market Capital = 1000*50= 50,000
- Company B का Market Capital = 2000*100= 200,000
- Company A का Free-Float Factor = 1000/600= 0.60
- Company B का Free-Float Factor = 2000/100= 0.50
- Total Free Float Market Capital Of The Index = (50000*0.60) + (200000*0.50) = 130000
तो ये हुआ दोनों का फ्री फ्लॉट मार्केट कैपिटल अब चलिए निफ्टी निकालते हैं।
अब मान लीजिये की Base Year 1995 का Index 1000 था और मार्केट कैप 5000 था।
- Nifty = Sum of Free Float Capitalization x Index Value In 1995/Market Cap In 1995
- निफ्टी = 130000*1000/5000= 26,000
निफ्टी के फायदे? (Benefits/Advantages of Nifty in Hindi)
Nifty के एक नहीं बल्कि कई सारे फायदे है, जिनमे से कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में हम यहाँ बता रहे है।
- निफ्टी से हम देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति जान सकते हैं।
- निफ्टी से स्टॉक मार्केट की जानकारी मिलती है। यानि NSE की परफॉर्मेंस की जांच कर सकते हैं।
- हमें भी बिजनेस में फायदा मिलता है क्योंकि निफ्टी को समझ कर हम जान सकते हैं कि हमें इन्वेस्ट करना चाहिए या नहीं।
Nifty और Sensex में क्या अंतर/फर्क है?
दोनों काफी हद तक एक समान होते हैं और दोनों की स्टॉक इंडेक्स होते हैं। लेकिन दोनों में थोड़ा सा अंतर देखने को भी मिलता है। जैसे कि,
- निफ्टी, NSE के अंतर्गत आता है और Sensex, Bombay Stock Exchange के अंतर्गत आता है।
- निफ्टी में 50 कंपनियों के शेयर्स को लिस्ट किया जाता है और सेन्सेक्स में 30 कंपनियां लिस्टेड होती है।
- चूकि निफ्टी में 50 कंपनियां लिस्टेड हैं इसीलिए इसे ज़्यादा विश्वसनीय माना जाता है।
लेकिन इन दोनों का काम एक ही होता है, ये दोनों ही सूचकांक है और दोनों का वास्तविक मकसद शेयर बाज़ार की स्थिति के बारे में जानकारी देना होता है।
Conclusion,
तो दोस्तों, इस आर्टिकल में हमने डिटेल में निफ्टी के बारे में समझा और जाना कि निफ्टी क्या होता है (What is Nifty in Hindi) और ये सेंसेक्स से कैसे अलग है।
मैंने पूरी कोशिश की उदाहरणों के ज़रिए आपको बेहतर ढंग से समझा सकूं। अगर आप निफ्टी को अच्छी तरह से समझ जाते हैं तो शेयर मार्केट में आपको भी काफी मुनाफा हो सकता है।
हमने इस आर्टिकल में जाना कि निफ्टी क्या है, कैसे Calculate किया जाता है, निफ्टी और सेंसेक्स में क्या अंतर है और निफ्टी, देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है।
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Kirpal Singh
ऐसी पोस्ट बहुत कम पढ़ने मिलती हैं। धन्यवाद
Ankit
बहुत ही उम्दा लिखावट ,बहुत आसान भाषा में समझा देती है आपकी ये ब्लॉग धनयवाद इसी तरह लिखते रहिये और हमे सही और सटीक जानकारी देते रहे ,आपका दिल से धन्यवाद् सर
Deepak Kumar Sharma
उपयोगी जानकारी, बहुत अच्छे से समझाया है आपने। Thankyou
Rahul
I AM commerce student I need this type of information thanks sir bhout acchi information provide karyai hain apne
Anoop Bhatt
बहुत अच्छी जानकारी शेयर की आपने
थैंक्स
Kaushal Dubey
Thanks for giving this information. After reading this , I have understood all about nifty. Thanks for this post.
Suraj Barai
Thanks for this information…
Pawan Kumar Gautam
Nice information very useful …
Thakur Prasad Bana
Thanks for sharing this post. Jumediin khan ji
Pinki Kumari
बहुत ही उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी दी है भावना जी । आपका आभार।
Rahul Kushwaha
Thanks mem ye ek bahut hi important jaankari hai aur aisi janakari hindi me bahut hi kam milti hai thanks again.