निपाह वायरस जिसे NiV इन्फेक्शन भी कहा जाता हैं। यह एक नया (अनसुना) उभरता हुआ पशुजन्य रोग है जो मनुष्यों और जानवरों दोनों में गंभीर बीमारी का कारण बनता हैं। इस खतरनाक वायरस की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया और सिंगापुर से हुई थी और अब Nipah Virus का प्रकोप भारत में भी तेजी से फैल रहा हैं।
सबसे पहले ये वायरस सूअरों में पाया गया था और निपाह वायरस से संक्रमित सूअरों के संपर्क में आने वाले लोगों में भी प्रवेश कर गया था। बताया गया है की अब इस वायरस के फैलने का स्रोत चमगादड़ हैं। विशेषज्ञों के अनुसार निपाह वायरस एक वायु संचरण संक्रमण है जो दूषित निकायों (corrupt bodies) के साथ सीधे चपेट में आने वाले लोगों में फैल सकता हैं।
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निपाह वायरस क्या है और इस वायरस से कैसे बचें
Nipah virus आमतौर पर मष्तिष्क की सुजन से जुड़ा होता है। इस बीमारी की शुरुआत तेज सरदर्द और गंभीर बुखार से होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है की इस वायरस के संपर्क में आए 75 प्रतिशत मामलों में इंसान की मौत हो जाती हैं क्योंकि इस खतरनाक बीमारी को खत्म करने वाली सही दवा अभी तक नहीं बनी हैं।
ऐसे में ये जानना जरुरी है की आखिर निपाह वायरस क्या है। इस वायरस के फैलने का कारण चमगादड़ों को बताया जा रहा है क्योंकि लोगों का कहना है की जो लोग निपाह वायरस से संक्रमित है उनके घरों के आस-पास चमगादड़ों का बसेरा पाया गया हैं।
जिससे साफ पता चलता है की चमगादड़ों के संपर्क में आने से या उनकी झूठी चीजें फल आदि को खाने से ये वायरस लोगों में फैल रहा हैं। आइये जानते है की निपाह वायरस क्या है, ये कैसे फैलता है और निपाह वायरस से कैसे बचें।
Nipah Virus क्या है
यह एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती हैं। पहली बार 1998 में निपाह वायरस का पता चला था। जब इस वायरस की चपेट में मलेशिया के सुंगई निपाह गाँव के लोग आए थे इतना ही नहीं मलेशिया के इस गाँव के नाम पर ही इस बीमारी का नाम निपाह वायरस रखा गया था।
उस समय nipah virus ने ज्यादातर उन लोगों को अपनी चपेट में लिया था जो सूअर पालन करते थे। जिससे लोगों में चर्चा शुरू हुई की ये वायरस सूअरों से फैली हैं। उस समय इसी के चलते पालतू जानवरों से भी मलेशिया में संक्रमण फैला था। इससे साफ पता चलता है की ये वायरस भारत में कही बाहर से आया हैं।
क्योंकि सबसे पहले निपाह वायरस की खबर मलेशिया से आई थी जिसके बाद बांग्लादेश से भी इस वायरस के मामले सामने आए थे। बांग्लादेश में इस वायरस ने उन लोगों को अपनी चपेट में लिया था जो खजूर की खेती करते थे।
Nipah Virus कैसे फैलता है
निपाह वायरस उन चमगादड़ों से फैलता है जिन्हें फ्रूट बैट कहा जाता हैं। फ्रूट बैट चमगादड़ जब किसी फल को या किसी चीज को खाते है और उसी चीज को कोई जानवर या इंसान खा लेता है (यानि फ्रूट बैट चमगादड़ के झूठे फल को खाने से) तो वो संक्रमित हो जाता है और इस वायरस की चपेट में आ जाता हैं।
ये वायरस इंसानों के अलावा जानवरों को भी प्रभावित करता हैं और इसकी अभी तक कोई सटीक दवा तैयार नहीं हो पाई है जो इस वायरस को जड़ से खत्म कर सकें। अगर कोई निपाह वायरस के संपर्क में आ जाता है तो उसमें इस वायरस की शुरूआत तेज सरदर्द और गंभीर बुखार के साथ होती है।
साथ ही इससे साँस लेने में भी दिक्कत होती हैं। यह वायरस हवा से नहीं फैलता बल्कि ये वायरस उस इंसान से दुसरे आदमी में फैलता है जो इस वायरस से संक्रमित होता है।
निपाह वायरस के ये लक्षण रोगी को 1 या 2 दिन में कोमा में पहुँचा सकते हैं। सन 1998 मलेशिया में जब निपाह वायरस का प्रकोप फैला था तो इस वायरस ने 250 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया था जिनमें से 50% मरीजों की हालत गंभीर हो गई थी और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अब ये वायरस उन सूअरों, चमगादड़ों या इंसानों से एक दुसरे में फैल रहा है जो निपाह वायरस से संक्रमित हैं। भारत में इस वायरस का इन्फेक्शन पहली बार पश्चिम बंगाल में फैला था। 2001 में पहली बार भारत में निपाह वायरस के मामले सामने आए थे उसके बाद 2007 में, तब पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले के लोगों में ये संक्रमण फैला था।
Nipah Virus के लक्षण :- तेज सरदर्द, दिमागी बुखार, साँस लेने में परेशानी, चक्कर, जलन, विचलन और बेहोशी आदि।
निपाह वायरस से बचने के उपाय
निपाह वायरस ने अभी लोगों में दहशत मचाई हुई है और अभी तक इस खतरनाक वायरस को मिटाने और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं मिल पाया है लेकिन हम कुछ सावधानी बरतें तो कुछ हद तक इस वायरस से बच सकते हैं। यहाँ मैं आपको निपाह वायरस से बचने के उपाय बता रहा हूँ जिन्हें फॉलो करके आप इस वायरस से बच सकते हैं।
डॉक्टर के अनुसार लहसुन, नीम, तुलसी आदि के सेवन से आप इस वायरस से बच सकते हैं इसलिए रोज इन चीजों का सेवन करें।
- कुछ भी खाने से पहले हाथ अच्छे से धो लें।
- आप जो खाना खा रहें, सुनिश्चित कर ले की वो स्वस्थ है या आप कोई भी फल खा रहे तो देख ले की वो फल किसी जानवर या पक्षी का झूठा ना हो।
- बीमार व्यक्ति के संपर्क में ना रहें।
- अपने आस-पास सफाई रखें और खुद भी साफ रहें।
इन बातों को ध्यान में रखकर आप इस वायरस से काफी हद तक खुद को बचा सकते हैं साथ ही चमगादड़ों से दूर रहें। वैसे निपाह वायरस के लिए सिर्फ चमगादड़ ही जिम्मेदार नहीं है क्योंकि ये वायरस एक से दुसरे व्यक्ति में फैल रहा हैं।
निपाह वायरस की जाँच टीम के मुताबिक इस वायरस के फैलने की आंशका सूअरों और पालतू जानवरों से कम हैं। अधिकतर मामलों इस वायरस के फैलने का मुख्य स्रोत चमगादडों को ही बताया जा रहा हैं।
इस संक्रमण से ग्रसित मरीज को अगर हाथोंहाथ इलाज ना मिले तो मरीज कोमा में जा सकता है। इस वायरस से बचाव के लिए अभी तक कोई टिका (वैक्सीन नहीं) बना है इसलिए सावधान रहें और ऊपर बताए गए nipah virus से बचने के उपायों को ध्यान में रखें।
अब आपको पता चला गया होगा की निपाह वायरस क्या है, ये वायरस कैसे फैलता है और इससे कैसे बचें। अगर आपको निपाह वायरस से बचने का कोई और अच्छा उपाय पता है तो उसके बारें में कमेंट में बताएं।
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Yogeshwar Gaur
bahoot acchi jaankaari dee hai sir aapne
thankyou is jaankaari ke liye
dharmesh rajput
Bahut badhiya post he. Dhanyawad
kumar
हालाँकि निपाह वायरस के बारे में पहले भी कई जगह पढ़ा जा चूका है लेकिन आपके blog पर हमेशा की तरह कुछ नई बाते सामने आई जिनमे निपाह वायरस का नाम एक गाँव के नाम पर पड़ा. ये जानकारी कही शेयर की हुई नहीं पढ़ी इसलिए धन्यवाद ऐसी ही पोस्ट शेयर करते रहे sir.
ankit lahariya
Sir har post ki tarah aapki yah post bhi hmarr liye bhut helpful rahi hai.
Anoop Bhatt
Bhut acha sir iske bare me jaankari dene ke liye
Shashank kuldeep dwivedi
Bahut achha information hai sir kyoki jaagrukta ki kami me hi bahut se bimaari failta hai or net se badiya maadhyam jaagrukta badane ke liye koi bhi maadhyam nahi hai kyoki har haat me net hai mobile ki wajah se.