ऐसा नहीं है कि हम पढ़ना नहीं चाहते हो, हम सोचते है की आज जल्दी उठकर, मन लगाकर, रात भर जागकर पढ़ाई करूँगा लेकिन सुबह जल्दी उठ नहीं पाते है, पढ़ाई में जरा भी मन नहीं लगता और रात भर तो क्या हमें ये भी पता नहीं चलता की कब आँख लग गई। Padhai me man kaise lagaye)
अगर ऐसा ही चलता रहा तो आपको पता ही नहीं चलेगा की कब आपकी जिंदगी बर्बाद हो गई और जब पता चलेगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। तब इस बात का एहसास होगा कि पढ़ना जरूरी था। अभी आपके लिए थोड़ी देर मोबाइल चलाना, टीवी देखना, दोस्तों से बातें करना जरूरी हैं।
पढ़ाई से ज्यादा सोशल साइट्स (फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टिक टॉक) पर समय बिताना जरुरी है, शाम को दोस्तों के साथ खेलना, मस्ती करना जरूरी हैं।
लेकिन याद रखो और समझो कि यही छोटी-छोटी चीजें आपके बड़े-बड़े कामों को रोकने की कब वजह बन जाए ये आपको पता भी नहीं चलेगा। उससे पहले इन बेवजह की चीजों को अपने जरूरी कामों की लिस्ट से अभी बाहर निकाल फेंको।
क्योंकि ये काम उतने जरूरी नहीं है जितना तुमने इन्हें बना लिया है। तुम्हें इन सब चीजों की लत गई है। इसलिए इन सभी कामों को करने बाद आपके पास जो थोड़ा बहुत समय बचता है वो समय आप अपनी पढ़ाई को देते हो।
इसलिए कहा गया है कि, सही समय पर उठाया गया कदम भविष्य की बड़ी समस्याओं से बचाता हैं।
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पढ़ाई में मन लगाने के उपाय, Padhai Me Man Kaise Lagaye,
मैं आपको बता दूँ, किसी भी काम में या पढ़ाई में मन लगाने का कोई उपाय या तरीका नहीं है बस कुछ अच्छी बातें हो सकती है जो पढ़ाई के लिए प्रेरित कर सकती है जिनसे आपका मन पढ़ाई करने को कहेगा।
आईये जानते हैं, Padhai me man kaise lagaye:
सुनो: अगर सुबह नींद नहीं खुलती है तो रात भर सोना बंद कर दो, ठान लो कि आज आपको सूर्योदय देखना ही है। चाहे रात भर जागना पड़े, रात भर जागकर पढूंगा, जब तक चैप्टर पूरा कर लूँगा तब तक खाना नहीं खाऊंगा।
क्योंकि तुम्हारे लिए कुछ भी जरूरी नहीं होना चाहिए, फिर चाहे वो खाना, पीना, सोना या सोचना। क्योंकि जब सोचने लग जाओगे तो कब मन भटक जाएगा ये आपको पता ही नहीं चलेगा।
कब अपनी किताबों को बांध करके ख्यालों की दुनिया में खो जाओगे, पता ही नहीं चलेगा। जब भी आपके मन में ये बात आये की मुझसे नहीं होगा तो खुद से कहे की तुमसे ही होगा।
Study Motivation in Hindi for Students
दिन में 2 से 3 घंटें पढ़ाई करके आप कोई बहुत बड़ा काम नहीं कर लेते हो, दिन में 24 घंटें पढ़ाई करने की ठान लो। अब आप कहोगे कि ये तो पागलपन है तो मैं आपको बता दूँ कि, पागलपन जरूरी है।
साधारण लोगों की तरह सोचोगे, काम करोगे, उनकी तरह छोटे टारगेट बनाओगे तो जिंदगी में कभी कुछ बड़ा हासिल नहीं कर पाओगे।
बड़े-बड़े सपने देखने और बड़ी-बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होता, कामयाबी नहीं मिलती। इस दुनिया में ऐसा कोई मुकाम या मंजिल नहीं है जो इंसान की पहुँच से दूर हो।
जितने भी सफल लोग है वे कभी ये नहीं सोचते कि मैं ये काम नहीं कर सकता बल्कि ये लोग सोचते है कि इसे सिर्फ मैं ही कर सकता हूं। और मेरा जन्म इस दुनिया सिर्फ इसी काम को करने के लिए हुआ हैं।
इनके इसी विश्वास ने उन्हें दुनिया के सबसे सफल इंसान बना दिया, और इन्होने अपनी सोच से इस बात को साबित कर दिया कि इंसान जो भी चाहे वो कर सकता है। बस एक दृढ सोच और कभी नहीं टूटने वाले हौसलें की जरूरत है।
अगर आपने भी अपनी जिंदगी के लिए कोई मुकाम या लक्ष्य बनाया है तो बिना कुछ सोचे-समझे, बिना किसी की सुने, अपने लक्ष्य, मुकाम को हासिल करने के लिए पूरी शिद्दत से लग जाओ।
और यह ठान ले कि जब तक मैं अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेता तब तक खुद तो क्या किसी के रोकने से भी नहीं रुकुंगा।
एक छोटा सा छेद पूरी नाव को डूबा देता है वैसे ही छोटी-छोटी गलतियाँ बहुत बड़े-बड़े नुकसान की जिम्मेदार होती है। आज मैं आपको एक ऐसी आदत बताने वाला हूं, जो आपको असफल बनाती है। या तो आप इस आदत को अभी छोड़ दो वरना ये आदत आपसे जिंदगी ही छुड़वा देगी।
जिस प्रकार कुँए पर रस्सी का प्रयोग करते वक्त बार-बार घिसने से पत्थरों पर भी निशान बन जाते है उसी प्रकार बार बार अभ्यास करने से मंदबुद्धि भी समझदार बन सकता हैं।
निरंतरता बनाए रखें
यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी, पानी की एक छोटी सी बुँद भी अगर पत्थर पर एक ही जगह बार बार गिरे तो वह पत्थर में सुराख़ बना सकती हैं।
यह निरंतरता की ताकत होती है जो किसी भी इंसान को सफल बना सकती है और इसी निरंतरता की कमी किसी भी इंसान को असफल बना सकती हैं।
आज आपने सोचा कि आज मैं पढूंगा, अपने मन को कण्ट्रोल करूँगा, आज यह काम करूँगा, 1 घंटें नहीं बल्कि 2 घंटें। लेकिन अगले ही दिन आप भूल गए कि आपको केवल एक दिन नहीं रोज पढ़ना था, आपको अपने मन को रोज कण्ट्रोल में रखना था, बस यही गलती हम करते हैं।
लगातार प्रयास करते रहे
हम एक दिन जोश में आकर कोई भी काम करने में लग जाते है और अगले ही दिन भूल जाते है जबकि सफलता पाने के लिए किसी भी काम को बार बार, लगातार निरंतरता के साथ करना पड़ता हैं।
1 दिन या 2 दिन काम करने से आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे, केवल 2 दिन जिम जाने से किसी को शारीरिक बदलाव नहीं दिखाई देंगे बल्कि साल भर लगातार जाने से आपको परिणाम दिखाई देते हैं।
एक नदी अपनी ताकत से नहीं बल्कि निरंतर प्रयास से चट्टान को काटकर रास्ता बना लेती है। बारिश की बूंदें छोटी ही सही लेकिन उनका लगातार बरसना नदी का बहाव बन जाता हैं।
ऐसे ही हमारे छोटे-छोटे लेकिन निरंतर प्रयास हमारे जीवन में बदलाव ला सकते हैं। इसलिए सफलता के लिए सबसे जरूरी और सबसे पहली चीज “लगातार प्रयास” हैं।
और इस लगातार प्रयास के लिए आपको हर दिन खुद को प्रेरित रखना होगा, हर दिन अपने आप को याद दिलाना होगा की आपका लक्ष्य क्या है और इसके लिए आपको हर रोज प्रयास करने होंगे।
Padhai me man kaise lagaye?
ऐसा क्या है जो हमको ऐसा करने से रोकता है, जिससे हमारा पढाई में मन नहीं लगता है, वो है हमारा आलस। आलस हमारा सबसे बड़ा दुश्मन होता है। जो आपको किसी भी काम को लगातार करने से रोकता हैं।
यह आपको याद दिलाता है कि कल ही तो 2 घंटें पढ़ाई की थी, कल ही जिम गया था, आज रहने दे, एक दिन छोड़ के करूँगा। आपके मन में यही सोच आती ही आपकी निरंतरता टूट जाती हैं।
आलस्य एक ऐसा अवगुण है जो व्यक्ति की सफलता में बाधक होता है। क्योंकि यह हमारे जीवन का सबसे कीमती समय बर्बाद कर देता हैं। बाद में हमें पछतावा होता है लेकिन आप तो जानते है कि, एक बार जो समय गुजर गया वो वापस कभी नहीं आता।
इसलिए आलस्य को कभी अपने पास नहीं आने दे, किसी भी तरह खुद को उत्साहित और प्रेरित रखें। अगर आपको हमेशा प्रेरित रहना तो आप केवल प्रेरणादायक आर्टिकल पढ़ने से ऐसा नहीं कर सकते।
क्योंकि जब आप motivational article पढ़ते, स्पीच सुनते या विडियो देखते है तो आप थोड़ी देर के लिए उत्साहित हो जाते है, आपमें अपने लक्ष्य के प्रति जोश भर जाता है लेकिन थोड़ी देर बाद सब कुछ भूल जाते हैं।
आप दूसरी बातों में भटक जाते है और आप पर आलस्य हावी हो जाता हैं। अगर आप हमेशा प्रेरित रहना चाहते है तो हर रोज सुबह अपने आप को अपना लक्ष्य याद दिलाओ, सोचें की आप कोई भी काम क्यों कर रहे हैं।
भले ही आप स्टूडेंट ही क्यों नहीं हो, आपको खुद को याद दिलाते रहना होगा कि आपका लक्ष्य क्या है? तभी आप उर्जा से भरें रहेंगे और आलस्य आप पर कभी हावी नहीं होगा।
आलसी व्यक्ति का ना वर्तमान होता है और ना ही कोई भविष्य होता है, आलस्य में जीवन बिताना आत्महत्या के समान है। जीवन और समय के महत्व को नहीं समझने वाला व्यक्ति अपना कीमती जीवन और समय आलस्य के कारण गवा देता हैं।
उसे पता भी नहीं चलता कि उसने अपना कितना बड़ा नुकसान किया हैं।
अंत में बस इतना ही कहना चाहूँगा, जैसे नदी बह जाती है और लौट के कभी नहीं आती उसी तरह रात और दिन मनुष्य की उम्र को लेकर चले जाते है और फिर कभी वापस नहीं आते।
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Hariom kesharwani
Nice article to change my life
Pawan borana
Good Post very Helpful for me Thankyou
Kelash sharan
Sir aap konsa laptop use karte ho for blogging please reply me
जुमेदीन खान
HP
Pinki Kumari
स्टूडेंट्स के लिए बेहद ही शानदार और उपयोगी जानकारी लिखी है आपने. आपका दिल से शुक्रिया.