आज की इस कॉम्पीटिशन भरी दुनिया में हर कोई अमीर बनना चाहता है। इसके लिए लोग दिन-रात मेहनत भी करते हैं। लोग अपनी कमाई के कुछ हिस्से को सेव भी करते हैं। लेकिन अमीर बनने के लिए सिर्फ इतना ही काफी नहीं होता। अगर हम अपने भविष्य को सिक्योर करना चाहते हैं तो हमे कुछ जगह investments भी करनी पड़ती है। जैसे stock market, share marketing, mutual fund आदि। इस पोस्ट में हम जाएँगे कि, स्टॉक मार्किट क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? What is Stock Market in Hindi?
अगर आप stock market में सही तरह से पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आपको बहुत फायदा हो सकता है। लेकिन वहीं, अगर आप बिना सोचे समझे मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आपके लिए घाटे का सौदा भी बन सकता है।
इसीलिए ज़रूरी है आपको इन मार्केट्स की सही तरह से जानकारी हो। आज इस आर्टिकल में हम आपको स्टॉक मार्केट की जानकारी देंगे, ताकि आप इसके बारे में अच्छे से समझ सको।
आईये जानते है,स्टॉक मार्किट क्या है, स्टॉक मार्किट क्या होता है, stock market kya hai, share market kya hota hai, stock market se paise kaise kamaye, stock market se kamai kaise hoti hai इत्यादि।
Table of Contents
- स्टॉक मार्किट क्या है? (What is Stock Market in Hindi)
- शेयर/स्टॉक मार्केट का इतिहास
- Stock exchange
- एक कंपनी के कितने शेयर्स हो सकते हैं?
- इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज
- कंपनी अपने शेयर्स कैसे बेचती हैं?
- शेयर्स कैसे खरीदें?
- ब्रोकर क्या है?
- क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है?
- Stock Market से कमाई कैसे होती है?
- 1. अपना होमवर्क पूरा करें
- 2. बिजनेस में करें शेयर
- 3. दूसरों की बातों में न आएं
- 4. हमेशा एक्स्ट्रा पैसों को ही इंवेस्ट करें
- 5. बाजार पर नज़र रखें
- Conclusion
स्टॉक मार्किट क्या है? (What is Stock Market in Hindi)
Share market, stock market or equity market ये सब एक ही होता है इसीलिए कंफ्यूज़ ना हो। ये वो मार्केट होती है जहां आप किसी कंपनी के शेयर को खरीद सकते हो या बेच सकते हो।
शेयर खरीदने का मतलब है कि आप उस कंपनी की कुछ फीसदी ऑनरशिप खरीद रहे हो। मतलब कि शेयर खरीदने के बाद आप उसे कंपनी के कुछ फीसदी हिस्से मालिक बन जाते हैं।
अब अगर कंपनी को प्रॉफिट होगा तो आपको भी होगा और अगर उस कंपनी का नुकसान हुआ तो आपको भी नुकसान सहना पड़ेगा। एक बेहद ही आसान से उदाहरण के साथ समझते हैं।
मान लीजिए आप एक स्टार्टअप खोलने का प्लान कर रहे हैं, आपके पास 10,000 रूपए हैं लेकिन उस 10,000 रूपए में आपका काम नहीं चलेगा। तो आपने अपने एक दोस्त का आपके स्टार्टअप में 10,000 रूपए इंवेस्ट करने को कहा।
यानि 10,000 आपका शेयर और 10,000 आपको दोस्त का शेयर। अब आप दोनों दोस्त 50-50 कंपनी के ऑनर बन गए हैं। भविष्य में कोई भी फायदा या नुकसान आप दोनों दोस्तों में बराबर बराबर शेयर होगा।
स्टॉक मार्केट में यही एक बड़े स्केल पर होता है। जहां एक कंपनी अपने शेयर पूरी दुनिया में किसी को भी बेच सकती है।
शेयर/स्टॉक मार्केट का इतिहास
इस मार्केट की शुरूआत आज से करीब 400 साल पहले की गई थी। Netherlands की Dutch east India company ने पहली बार शेयर मार्केट के कॉन्सेप्ट की शुरूआत की थी। दरअसल, उस वक्त ट्रेडिंग जहाजों के ज़रिए होती थी।
साथ ही सभी देशों की खोज भी नहीं हो पाई थी। ऐसे में कंपनी समुद्रों के रास्ते अपने जहाजों को ट्रेडिंग के लिए भेजते थे। इन जहाजों में किसी एक व्यक्ति का पैसा नहीं लगा होता था।
तो डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने लोगों से इन जहाजों में पैसा लगाने की अपील की थी और लोगों से कहा था कि जब इन जहाजों के ज़रिए ट्रेडिंग में फायदा होगा तो आपके लगाए हुए पैसे मुताबिक आपसे भी प्रॉफिट शेयर किया जाएगा।
हालांकि, उस दौर में ऐसा करना काफी रिस्की होता था क्योंकि ज़्यादातर जहाज वापिस लौट कर नहीं आते थे। इसीलिए ये तय किया गया लोग अब multiple investment करें।
यानि एक व्यक्ति एक जहाज में नहीं 5-6 जहाजों में पैसा इन्वेस्ट करें ताकि किसी एक जहाज से प्रॉफिट आने की उम्मीद हो। इसी तरह से स्टॉक मार्केट बनने लगी और लोग कई जगह अपना पैसा लगाने लगे।
जिस जगह से जहाज ट्रेडिंग के लिए निकलते थे, अब उस जगह bid system शुरू हो गया। धीरे-धीरे जहाजों के पैसे की ज़रूरत पूरी होने लगी और लोगों को प्रॉफिट मिलने लगा।
वहीं से शुरू हुआ स्टॉक मार्केट का ये कॉन्सेप्ट, काफी पॉपुलर हो गया। आज हर देश स्टॉक मार्केट पर निर्भर है। हर कंपनी का अपना एक stock exchange होता है। चलिए stock exchange को समझते हैं।
Stock exchange
Stock exchange वो जगह है जहां लोग कंपनी के शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं। मार्केट को दो हिस्सों में बांटा गया है।
- प्राइमरी मार्केट
- सेकेंडरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट में कंपनियां अपने शेयर्स बेचती हैं। उनके शेयर्स की वेल्यू डिमांड पर डिपेंड करती है। यानि अगर किसी कंपनी के प्रोडक्ट्स की डिमांड ज़्यादा है और वो कंपनी अपने शेयर्स को बेचती है तो उनकी वैल्यू ज़्यादा होगी।
एक कंपनी के कितने शेयर्स हो सकते हैं?
ध्यान रखने वाली बात ये है कि कंपनी के हर शेयर की वेल्यू बराबर होती है। एक कंपनी अपने कितने भी शेयर लोगों में बांट सकती है लेकिन उन सबकी वेल्यू बराबर होगी।
मान लीजिए कोई कंपनी 1 लाख रूपए की है और अपने 1 लाख शेयर बेचना चाहती है और कंपनी हर शेयर की कीमत 1 रूपए भी रख सकती है या फिर 50 पैसे में 2 लाख शेयर्स बना सकती है।
इसके अलावा ये भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी कंपनी कभी भी अपने पूरे शेयर्स नहीं बेचती। अपनी ऑनरशिप बचाए रखने के लिए कंपनी हमेशा ज़्यादा शेयर्स अपने पास रखती है और कुछ शेयर्स ही बाहर बेचती है।
जिसके पास ज़्यादा शेयर्स होते हैं वहीं कंपनी के लिए निर्णय लेता है। जैसे फेसबुक कंपनी के फाउंडर मार्क जकरबर्ग के पास कंपनी के 60 फीसदी शेयर्स हैं और 40 फीसदी शेयर्स दूसरों के पास हैं। ऐसे में मार्क जकरबर्ग ही सारे निर्णय ले सकता है।
चलिए अब समझते हैं सेकेंडरी मार्केट
सेकेंडरी मार्केट में जिन लोगों ने किसी कंपनी के शेयर्स खरीदें हो वो बाहर जाकर शेयर्स को बेच सकते हैं। जैसे आपने किसी कंपनी के 10 फीसदी शेयर खरीदें।
आप बाहर जाकर अपने शेयर्स के पांच फीसदी शेयर्स बेच सकते हैं। ये मार्केट सेकेंडरी मार्केट होती है। अब ये आप पर निर्भर करता है कि डिमांड के हिसाब से वो शेयर आप ज़्यादा पैसों में बेच रहे हैं या कम पैसों में।
इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज
भारत में दो बड़ी स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां है।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – यहां लगभग 5400 रजिस्टर्ड कंपनियां हैं।
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज – यहां लगभग 1700 रिजस्टर्ड कंपनियां हैं।
- कंपनियों की कीमत को मापने के लिए nifty और sensex होते हैं।
कंपनी अपने शेयर्स कैसे बेचती हैं?
अगर कोई कंपनी स्टॉक एक्सचेंज के ज़रिए अपने शेयर्स बेचना चाहती है तो उसे पब्लिक लिस्टिंग कहा जाता है। इसके लिए SEBI यानि SECURITIES AND EXCHANGE BOARD OF INDIA का गठन किया गया।
ये संस्था तय करती है कि आपकी कंपनी की पब्लिक लिस्टिंग होनी चाहिए या नहीं। इसके सारे नॉर्म्स पूरे होने के बाद ही कोई कंपनी अपने शेयर्स लोगों के बीच बेच पाती है।
अगर किसी कंपनी की मार्केट में डिमांड नहीं है तो SEBI उसे पब्लिक लिस्टिंग लिस्ट से हटा देती है।
शेयर्स कैसे खरीदें?
पहले शेयर्स खरीदने का प्रोसेस थोड़ा सा अलग होता था लेकिन आजकल इंटरनेट के ज़माने में आपको तीन अकाउंट्स की ज़रूरत पड़ती है।
- बैंक अकाउंट
- ट्रेडिंग अकाउंट
- डीमैट (DEMAT) अकाउंट
डीमैट अकाउंट में खरीदे गए स्टॉक्स डिजिटल फॉर्म में स्टोर होते हैं। इसीलिए डीमैट अकाउंट शेयर्स बाजार में बहुत ज़रूरी होता है। जो लोग मार्केट में शेयर खरीदते हैं उन्हें रिटेल इन्वेस्टर (RETAIL INVESTOR) कहा जाता है।
रिटेल इन्वेस्टर को हमेशा एक ब्रोकर की ज़रूरत पड़ती है।
ब्रोकर क्या है?
ब्रोकर बायर्स और सेलर्स दोनों को मिलाता है। ठीक वैसे ही जैसे आप प्रोपर्टी लेने के वक्त किसी ब्रोकर का सहारा लेते हैं। आजकल कई ऐप्स को ब्रोकर के तौर पर बनाया गया है।
यहां तक कि आपका बैंक भी ब्रोकर की भूमिका निभा सकता है। जब आप किसी ब्रोकर के ज़रिए मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो उसमें से कुछ अमाउंट आपको ब्रोक्रेज फीस के तौर पर देनी पड़ती है।
ये अमाउंट 0.5 से 1% की बीच में होती है। ऐसे में जब आप लॉन्ग टर्म में पैसे इन्वेस्ट करते हैं तो आपको ब्रोक्रेज फीस कम पड़ती है।
क्या शेयर मार्केट घाटे का सौदा है?
जी नहीं, ऐसा ज़रूरी नहीं है कि शेयर मार्केट में आपको घाटा ही होगा। अगर आप सोच समझ कर किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आपको काफी फायदा भी हो सकता है।
जैसे मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 1 रूपए की कीमत में 1,000 शेयर्स खरीदें है। अब उन शेयर्स की कीमत डिमांड के हिसाब से बढ़ गई है और आपने इस शेयर को 2 रूपए के हिसाब से बेच दिया तो ऐसे में आपको 1,000 रूपए का प्रोफिट हो गया।
Stock Market से कमाई कैसे होती है?
स्टॉक मार्किट से पैसे कैसे कमाए? ये अहम टॉपिक है। शेयर बाजार में पैसे कमाने के लिए विवेक, समझ और रणनीति बहुत ज़रूरी होती है। इसके अलावा आपमें patience यानि धैर्य भी होना चाहिए।
चलिए आपको शेयर मार्केट में कामयाब होने के कुछ मूलमंत्र बताते हैं ताकि आप मोटा मुनाफा कमा सकें।
1. अपना होमवर्क पूरा करें
इसका मतलब ये है कि जब भी आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने का प्लान करें तो पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से स्टडी करें। उस कंपनी की मार्केट में डिमांड देखें।
मान लीजिए, अब गर्मियों का सीज़न आने वाला है तो ऐसे में कूलर और एसी बहुत डिमांड में रहते हैं। तो किसी ऐसी कंपनी में इंवेस्ट करें जो ये प्रोडक्ट्स बेचती है और जिनके प्रोडक्ट्स डिमांड में रहते हैं। तो आपको मुनाफा हो सकता है।
2. बिजनेस में करें शेयर
कभी भी शेयर्स की कीमत में इंवेस्ट ना करें बल्कि बिजनेस में इंवेस्ट करें। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कि वॉरेन बफे ने 1988 में कोका कोला में 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया था। बदले में कंपनी से उन्हें 10 सालों तक 10 फीसदी रेट से रिटर्न हासिल हुआ।
3. दूसरों की बातों में न आएं
इसके ज़रिए मेरा कहने का मतलब है कि भेड़चाल से दूर रहें। किसी की भी बातों में आकर इंवेस्टमेंट न करें। पहले अच्छे से स्टडी करें। आप किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।
4. हमेशा एक्स्ट्रा पैसों को ही इंवेस्ट करें
ये शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने का सबसे अच्छा नियम होता है। हमेशा अपने अतिरिक्त फंड को इंवेस्ट करें यानि जो पैसा आपको छोटी अवधि में नहीं चाहिए। कई बार वेल्यू घट जाती है और पैसों की ज़रूरत के कारण हम कम पैसों में अपने शेयर्स बेच देते हैं। ऐसा कभी न करें।
5. बाजार पर नज़र रखें
सिर्फ इंस्वेस्ट करके मुनाफे का इंतज़ार करना सही कदम नहीं है। ज़रूरी है कि आप मार्केट पर अपनी नज़र रखें। ध्यान दें कि कब शेयर्स गिर रहे हैं, कब इनमें उछाल आ रहा है। न्यूज़पेपर पढ़ें, टीवी चैनल्स देखें ताकि आप अपने शेयर्स का ध्यान रख सकें।
Conclusion
दोस्तों, मैंने अपने आर्टिकल के ज़रिए आप सभी को बेहद आसान भाषा में शेयर मार्केट के बारे में समझाने की कोशिश की है। ताकि आप गलत जगह इंस्वेटमेंट करने से बचें।
इस आर्टिकल में शेयर मार्केट क्या है, इतिहास, इंस्वेटमेंट कैसे करें जैसे सारे टॉपिक्स को कवर किया गया है। साथ ही हमने इसमें कुछ बाजार की टर्म्स भी बताई है ताकि आपको समझने में ज़्यादा आसानी हो।
ये भी पढ़े,
इसीलिए कभी शेयर मार्केट में इंस्वेटमेंट करें तो संयम और समझदारी से काम लें। अच्छे से स्टडी करें और फिर निवेश करें। कभी भी बहकावे में आकर निवेश न करें। अगर आर्टिकल पसंद आया तो ज़रूर शेयर करें।
Ankush Kumar
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने – धन्यवाद्