सफलता एक ऐसा मंच है जिस पर हर कोई खुद को देखना चाहता है पर ऐसा क्या होता है जिससे हम सफलता के मंच तक पहुंचने में असफल रहते है दुनिया में शायद सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला और इंटरनेट पर सर्च किया जाने वाला सवाल यही है की आखिर जीवन में सफल (success) कैसे बनें, सफलता कैसे पाये, सफलता का मूलमंत्र आखिर क्या है इतना ही नहीं सफलता से संबंधित ना जाने कितनी पुस्तकें छापी जा चुकी है।
जिन पुस्तकों में सफल बनने और success हासिल करने के उपाय बताये जाते है लेकिन इतनी किताबें पढ़ने के बावजूद कामयाबी हाथ नहीं लगती है तो क्या आपने खुद से कभी यह सवाल पूछा है की आखिर सफल इंसान के पास ऐसा क्या है जिससे वो सफल और कामयाब है।
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इस पोस्ट में मैं आपको कुछ ऐसी बातें और नियम बताने वाला हूँ जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
सफलता पाने के नियम, Life में Success होने के Tips
हम लोग बचपन से ही अपने माता पिता और गुरुजनों से सफलता के कुछ मूलमंत्र सुनते आए है जो है कड़ी मेहनत और सच्ची लगन और ये सही और सच भी है क्योंकि बिना मेहनत और लगन के कुछ भी हासिल नहीं होता हैं।
बिना मेहनत के अगर कुछ होता या फिर मिलता भी है तो वो ज्यादा दिन नहीं टिकता है लेकिन कड़ी मेहनत और सच्ची लगन के अलावा जीवन में सक्सेस पाने के कुछ सिद्धांत और नियम है जिन्हें हम अक्सर नकारते रहते हैं और success पा कर भी गवा देते हैं।
अगर आपको हमेशा ऐसा लगता है की सफलता आपके हाथ नहीं लगती है तो शायद आपकी कोशिशों में कुछ परिवर्तनों की जरुरत है जिसके बारे में मैं आपको इस पोस्ट में बताने वाला हूँ। किस्मत और नशीब की बात भूल जाइये और अपने इरादों को मजबूत कीजिए।
हमारे जीवन में ऐसी बहुत सारी घटनाएँ घटती है जिन्हें हम अपने नशीब और किस्मत से जोड़ लेते है जैसे की आपने वो चीज हासिल कर ली है जिसे आप पाने की सोच रहे है और फिर आप अपनी किस्मत को बुलंद समझकर सबकुछ आपको खुद बा खुद हासिल हो जायेगा।
यदि आप ऐसा सोचकर बैठे रहेंगे तो शायद आप पूरी जिंदगी इंतजार करते रहे जायेंगे! चलो मान लेते है की आपको बिना कुछ किये मिल जाता है लेकिन ऐसा बार-बार नहीं होता है अगर अगली बार भी बिना कुछ किये हासिल करने की सोच रहे है तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं।
लेकिन जब आप अपनी पूरी ताकत और क्षमता के साथ अपनी पूरी इच्छा के साथ अपनी मंजिल की तरह कदम बढ़ाएंगे, तो एक समय ऐसा आएगा और उस समय ये बात मायने नहीं रखेंगी की आपके साथ क्या हुआ और आपने क्या किया था लेकिन जो आपके साथ होगा वो सब आपके हाथ और वश में होगा।
और आपके पास जिंदगी का एक हुनर होगा जिसे लोग सफल होकर भी जीवन में हासिल नहीं कर पाते है। कभी भी अपनी गलतियों और विफलताओं से गुस्सा और नाराज ना हो क्योंकि चलने के लिए गिरना जरुरी होता हैं।
गिरना एक स्तिथि पैदा करता है खड़े होने के लिए और आप हर हाल में खड़े होने की कोशिश करते है ठीक उसी तरह असफलता और विफलता भी एक अवसर पैदा करती है जिस अवसर से आप success प्राप्त कर सकते है इसलिए अपनी विफलताओं से कभी निराश नहीं होना चाहिए।
ये तो एक नियम और मूलमंत्र है जिसे प्रक्रति भी अपनाती और मानती है जैसे की दिन के उजाले का अस्तित्व रात पर टिका होता है अगर रात ही नहीं होगी तो दिन का कोई वजूद नहीं रहेगा।
ऐसे ही अगर आप अपने लक्ष्य और मंजिल के प्रति समर्पित है तो आपकी असफलता और विफलता के मायने अलग हो जायेंगे फिर आप विफलताओं और अपनी गलतियों से सबक और सीखना शुरू करने लगेंगे और एक नई द्रष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे।
जैसे की अगर आप दिन में 50 बार गिर गये है तो मतलब आपको 50 बार अनुभव मिल गया है और यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाए तो आपका दिमाग सुनियोजित हो जायेगा और आपकी सोच और भावनाएं भी उसी के अनुसार रहेगी।
और अगर एक बार आपकी सोच सुनियोजित हो गई तो आपकी ऊर्जा की दिशा भी वही होगी और फिर आपके शरीर में एक लय आ जायेगा मतलब आपको आदत सी हो जाएगी और जब ये सभी चीजें आपस में मिल जाएँगी तो लक्ष्य हासिल करने के लिए आपकी क्षमता बढ़ जाएगी।
फिर आप अपने भाग्य, किस्मत और नशीब के विजेता बन जायेंगे। इसलिए साफ सोच के साथ काम में ध्यान लगाइये, सभी कहते है की सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास और अनुशासन का होना बहुत जरुरी हैं लेकिन इससे भी ज्यादा जरुरी है की आपका शरीर और आपकी सोच स्प्ष्ट, साफ होना, हम सफल इसलिए नहीं हो पाते है क्योंकि हमें ये पता नहीं होता है की हमें जीवन में करना क्या है और हम क्या बनना चाहते हैं।
आप कई तरह की सोच रखते है जिससे आप कई मायनों में अंदर से टुकड़ों में बटें होते है जिससे आपका दिमाग एक चीज पर ध्यान नहीं लगा पाता है और आप ठीक से सोच नहीं पाते है जिसके कारण आपके भीतर की स्पष्टता समाप्त हो जाती है।
यदि आप भीड़ से बाहर निकल कर कही पहुंचना चाहते है और आपकी नजर अपनी मंजिल पर टिकी है तो आप भीड़ में भी बिना किसी से टकराए अपनी मंजिल तक पहुँच जायेंगे और अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।
लेकिन अगर आप भीड़ से निकल कर कही पहुंचना चाहते है और आपकी नजर अपने लक्ष्य पर नहीं है तो आप भीड़ में सभी से टकरायेंगे और गिर जायेंगे। भीड़ से बिना टकराएँ बाहर निकलने के लिए आपको अपना लक्ष्य तय करना होगा और उस लक्ष्य के प्रति समर्पित होना हैं।
सोचना और हिसाब करना छोड़ दें, जब भी हम कोई काम या बिज़नस शरू करते है तो सबसे पहले हम यही सोचते है की क्या मैं इसमें सफल हो सकता हूँ, मुझे इससे क्या फायदा होगा और मुझे ये करना चाहिए या नहीं, पर अगर आप अपने किसी भी काम में और जीवन में सफल होना चाहते है तो ये बेकार की बातें और चिंता करना छोड़ दीजिये और अपने लक्ष्य पर ध्यान दीजिये।
अगर आपका ध्यान आपकी मंजिल के प्रति समर्पित हो जायेगा तो आप खुद ही एक असाधारण व्यक्ति बन जायेंगे और अगर आप थोडा गौर करेंगे और ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा की आज तक जितने भी महा पुरुष, सफल व्यक्ति और महा व्यक्तित्व वाले इंसान रहे है उनमे से किसी ने भी महान बनने की कोशिश नहीं की थी।
फिर भी वे महान बन गये क्योंकि उनके जीवन का नजरिया, मेरा क्या होगा, मुझे ये क्यों करना चाहिए आदि बेकार की बातों से कही आगे था आप भी इन बेकार की बातों की चिंता छोड़कर अपनी मंजिल पर ध्यान दीजिये इससे आपके जीवन में बदलाव आ जाएगा और एक अलग सा निखार आ जाएगा।
सफलता का मूलमंत्र या success कैसे बनें जैसे सवालों का जवाब खोजने से अच्छा है की आप खुद से सवाल करें की आप क्या चाहते है और आप अपने जीवन को किस दिशा में मोड़ना चाहते है. जब आपको इन सवालों का जवाब मिल तो अपनी मंजिल के प्रति समर्पित होकर और मजबूत इरादें के साथ बढ़ जाइये और फिर देखें जो सफलता आपको मिलेगी वो हर मायने में खास होगी।
जो हर मायने में आपके जीवन को निखारेगी और यही आपके जीवन का व्यक्तित्व हैं।
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यदि आपको इस पोस्ट में सफलता (success) पाने के नियम अच्छे लगे और आपको लगे की इन्हें अपनाकर लाइफ में सफल बन सकते है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर share करें।
Aman Malik
best motivational speech for success thank you sir
J anwar
Bahut achchhi post
सागर कुमार कनवाल
सफल लोग आम इंसान से अलग होते है।
वह मेहनत करने को ओर अपने काम के प्रति एक्टिव रहने की आदत डाल देते है। वो हमेसा आपको एक्टिव व मेहनत करते नजर आएंगे। बहुत सारे कर्मचारियों के काम करने के बाद भी वो हमेसा आपको बिजी हजर आएंगे।और अपने काम मे डूबे रहेंगें। क्योंकि इन सब चीजों को वो अपना प्रतिदिन की प्रक्रियाओं में । आदत बना चुके है। फिर वो भी चाहै तो वो असफल नही होते है। जब तक कुछ प्रलय न आये। वो करते जाते है काम और बढ़ते जाते है।
लिखने के लिए तो दिन रात लिखता राहु लेकिन में भी अपने कार्यो में बहुत बिजी रहता हूं।
sanjay verma
mujhe ye post bahut achchhi lagi