आपको बहुत से धर्मों के बारे में पता होगा, लेकिन क्या आप जानते है कि दुनिया का सबसे श्रेष्ठ धर्म कौनसा है? शायद नहीं, क्युकी तभी आप ये आर्टिकल पढ़ रहे है और इसके बारे में जानना चाहते है। वैसे तो इसका जवाब आसान नहीं है लेकिन फिर भी हम आपको इसका आसान भाषा में जवाब देने की कोशिश करेंगे। तो आईये जानते है, विश्व के सर्वश्रेष्ठ धर्म के बारे में (Which is the best religion in the World in Hindi)
भले ही हम किसी भी धर्म से ताल्लुक रखते हो लेकिन हम सभी के मन में ये जानने की उत्सुकता होती है की आखिर इस दुनिया में सर्वश्रेष्ठ धर्म कौनसा है और क्यों?
इसीलिए आज हम अपने पाठको के लिए इसका जवाब बताने जा रहे है, ताकि वो भी जान सके की Duniya me sabse best religion kaunsa hai aur kyu?
दुनिया में सबसे श्रेष्ठ (सर्वश्रेष्ठ) धर्म कौनसा है, और क्यों?
सबसे पहले आपको बता दे कि कोई भी धर्म अपने आपको सर्वश्रेष्ठ नहीं बताता है। हर एक धर्म की अलग-अलग मान्यताए होती है, लेकिन सबका सन्देश और उद्देश्य एक ही होता है।
जैसे कि,
- सत्य की राह पर चलना।
- अच्छे कर्म यानि सत्कर्म करना।
- असत्य एवं अधर्म के खिलाप आवाज उठाना।
- असहाय और जरुरतमंदों की मदद करना।
आप चाहे गीता में देखिए, या कुरान में देखिए या फिर चाहे बाइबिल में। आपको सभी में लगभग एक जैसी बातें देखने को मिलेंगी। हर धर्म ईश्वर की स्मरण करना और सत्य की रह पर चलना सिखाता है।
लेकिन आज के समय में लोग इन समानताओें को न देखते एवं न समझते हुए आपसी मार-काट में लगे हुए है और हर कोई अपने धर्म को श्रेष्ठ व महान बताने में लगा है।
हिंदू बोलता है की मेरा सनातन धर्म सबसे अच्छा है तो वही मुसलमान बोलता है कि मेरा इस्लाम धर्म सबसे श्रेष्ठ है। आपको बताते थे की ये वो लोग होते है जिन्हें अपने धर्म का भी सही से ज्ञान नहीं होता है।
विश्व में सबसे श्रेष्ठ धर्म कौनसा है? इसका जवाब देने के लिए हमे सभी धर्मों का ज्ञान होना आवश्यक है, या फिर यूँ कहे कि एक ऐसा व्यक्ति जिसे दुनिया के सभी धर्मो का ज्ञान हो, केवल वही इसका जवाब दे सकता है।
साथ ही ये भी जरुरी है कि वो व्यक्ति किसी भी प्रकार के लालच, मोह माया से पर हो, तभी वो इसका जवाब दे सकेगा। नहीं तो अगर वो मुस्लिम हुआ तो इस्लाम को, हिंदू हुआ तो सनातन को, सरदार हुआ तो सिक्ख धर्म को सर्वश्रेष्ठ बतायेगा।
अब आपको ये बताने की जरुरत नहीं है की ऐसा होना कितना मुश्किल है। इसीलिए बेहतर है कि हम खुद ही सभी धर्मो का अध्ययन करे और इसका जवाब जाने।
हां अगर हम सभी धर्मों को ले कर उन्ही बताई बातों का विश्लेषण करे तो इससे एक बात पता चलती है कि सभी धर्म सत्य और मानवता का पाठ पढ़ाते है।
इसीलिए हम कह सकते है कि, इस पूरी पृथ्वी या संसार में एक ही धर्म सबसे बडा है और वो है मानवता धर्म। यही वो धर्म है जिसे हम सर्वश्रेष्ठ व महान कह सकते है।
मगर कोई यह बात समझने या मानने को तैयार ही नही है। बस सबको दंगे-फसाद करके अपने धर्म का झंडा लहराना है और दूसरे धर्म को नीचा दिखाना है।
अब इस मानसिकता को क्या कह सकते है, शायद धर्म प्रेम या फिर कटरता। साफ तौर पर इसे कटरता ही कहेंगे। क्योकि कोई भी धर्म यह नही सिखाता की आपसीखता किसी दूसरे धर्म का अनादर करें।
अगर आप किसी का आदर नही कर सकते तो अनादर करने का भी आपको कोई हक नही है। मगर आज ये बात समझना कौन चाहता है। हर कोई अपने धर्म गुरुओ (पाखंडियो) की बातों को सच मान लेता है।
आपको बता दें कि कोई भी धर्म स्वयं में ये नहीं कहता कि मैं महान हूं, धर्म का अनुयायी ये कहता है कि मेरा धर्म महान है, क्योंकि ऐसा करने से उसे गर्व का अहसास होता है और दूसरों की तुलना में वह श्रेष्ठ साबित होना चाहता है।
या फिर इसको लेकर उसका कोई और उद्देश्य होता है। ऐसे लोगो को समझना होगा कि धर्म का उद्देश्य दूसरों की दृष्टि में श्रेष्ठ कहलाना या बाकियों की तुलना में महान बनना नहीं होता है।
अब तक हम इस चक्कर में ना जाने कितने लोगो को खो चुके है। लेकिन अब हमे ये समझना होगा कि,
ना हिंदू बुरा है न मुसलमान बुरा है, करता है जो बुरे काम, वो इंसान बुरा है।
धर्मों की सच्चाई जानने के लिए हमे समझना होगा की ये धर्म क्या है, और वो कौन लोग है जो वास्तव में धर्म को मानते है। चलिए मैं आपको इसके बारे में शोर्ट में बताता देता हु।
धर्म वह है जो हमें सही मार्ग चुनने और सही कर्म करने की सलाह देता है, और सच्चा धर्म अनुयायी वो है जो किसी बहस में न पड़ते हुए… बस चला जा रहा है अपने मार्ग पर, बिना इस बात की परवाह किए कि कोई उस मार्ग को महान बता रहा है या तुच्छ।
आपको बता दे की किसी का अहित करने वाला कभी भी सच्चा धर्म अनुयायी नहीं हो सकता। हमे ऐसे लोगो की झूठी बातों में आने से बचना होगा।
हमें समझना होगा कि दुनिया के सभी धर्म अपने आप में श्रेष्ठ है, सभी धर्म बराबर है, बिलकुल वैसे ही जैसे इस धरती का हर एक इंसान बराबर है। हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन और अन्य सभी धर्म के लोगो के खून का रंग एक ही है।
इसीलिए हम किसी के साथ भेदभाव न करते हुए सभी को सामान द्रष्टि से देखना है। जो लोग ऐसा करते है, वो महान है उनका धर्म महान है।
नोट:- यहाँ पर हमने जो भी बाते बताई है वो उन सभी का सोर्स इन्टरनेट है, इसीलिए इसमें गलती हो सकती है। अगर आपको कुछ गलत लगे तो नीचे कमेंट में बता सकते है।
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साथ ही अपने दोस्तों, घर-परिवार वालो को भी इसके बारे में बताये ताकि वो भी इस सच्चाई के बारे में जान सके।
Shyam Gawale
मेरे खयाल से आपको बौद्ध धम्म की स्टडी करणी चाहिये… इसके बाद आपको आपका उत्तर बराबर मिल जायेगा.
BP. Rev.DR.Joseph V. Chacko
सबसे पहले हरेक एक दूसरे को अपने से अधिक श्रेष्ट समझना है।, और कम से कम समानता बहुत जरूरी है।, इन्सान को समानता के नज़रो से देखने वाला धर्म मेरा हाल से ईसाई धर्म के अलावा कोई नही है।, तथा प्रतिमा (मूर्ती) पर भरोसा न रखते हुए अदृश्य परमेश्वर की ओर ताखना चाहिए। सबको ऊपर वाला मौका प्रदान करने के लिए प्रार्थना करता हूँ।, धन्यवाद
Ashok kumar kashyap
अच्छे विचार है।
Pinku lal
I satisfied to your thoughts
mr. khan
very nice explanation. it’s truth.
Lekhraj
मैंने बौद्ध धर्म को छोड़ कर सभी धर्म के अनुयायियों में जातिगत भेदभाव, छुआ छूत ओर ऊँच नीच वाली मानसिकता से ग्रस्त देखा है।
Manoj kumar
मानवता का धर्म ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है, बस यही विचार अपने मन-मस्तिष्क में सुरक्षित कर लो
हेमंत
यदि भेदभाव नही है तो बुद्ध धर्म अनेक मतो में कैसे बंट गया
7017419848
nice explanation about real religion
rajat
Bahut hi accha likha hai aapne
Ismile Laskar
Sir aapne bahut sahi jankari diya hai
हजारी प्रजापत
आपके विचार बहुत अच्छे है, मैं आपके विचारों से 100% सहमत हूं
DEEPAK RATHOR
Sir aapne yah Bhut hi badiya Jankari di hai, jisme apne kisi bhi Dharm ko Galat na Thehrate hue, Simple si Language me Dharam ke bare me bata diya hai.