आज मैं आपको कई ऐसी short कहानियां बताऊंगा जिनसे आपकी लाइफ एकदम बदल सकती है जिनसे आप अपने जीवन का असली मकसद जान सकते है और अच्छी राह पकड़ कर खुशी से अपनी जिंदगी बिता सकते है। (Life Badal Dene Wali Hindi Kahani!)
सालों पुरानी kahani है एक दिन एक व्यक्ति ने एक ऐसी खबर पढ़ी जिसने उस आदमी को ना सिर्फ चौंका दिया बल्कि बुरी तरह से डरा दिया था क्योंकि उस आदमी ने अखबार में अपना नाम मरे हुए लोगों की लिस्ट में पढ़ा था।
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मतलब, भूल से या गलती से किसी ने उस आदमी का नाम अखबार में छपवा दिया और अखबार ने उस व्यक्ति को मरा हुआ साबित कर दिया था।
खबर पढ़ने वाला आदमी अपनी मौत की खबर पढ़कर पहले तो चौंक गया और फिर अपने दिमाग पर जोर देने लगा और सोचने लगा की क्या सच में मैं जिंदा हूं या फिर मैं मर गया हूं और ऐसा सोचते – सोचते वो व्यक्ति बेहोश हो गया।
जब उसे होश आया तो सबसे पहले उसने सोचा की अखबार में उसके मरने की खबर सुनकर लोगों ने उसके बारे में क्या कहा होगा और क्या सोचा होगा।
न्यूज़ पेपर में उस आदमी की खबर इस तरह छापी गई थी की “DYNAMITE KING IS DEAD” मतलब मौत के सौदागर की मौत, असल में ये आदमी एक वैज्ञानिक था और इस व्यक्ति ने डायनामाइट का अविष्कार किया था।
जब डायनामाइट के फाउंडर ने अखबार में यह पढ़ा की मौत के सौदागर की मौत तो उसने सोचा और अपने आप से यह सवाल किया की “क्या मैं इसी नाम से याद किया जाऊंगा” उसी समय उस आदमी ने यह फैसला किया की हरगिज नहीं, इस तरह से तो मैं कभी याद नहीं किया जाऊंगा।
बस उसी दिन ने से उस आदमी (वैज्ञानिक) ने शांति के मार्ग पर चलना और काम करना शुरू दिया और वह डायनामाइट के आविष्कारक और कोई नहीं बल्कि “ALFRED NOBEL” थे जिनके नाम पर आज नोबेल पुरस्कार दिया जाता है।
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सीख
दोस्तों मैंने आपको यह kahani इसलिए बताई है क्योंकि आप भी कही ना कही या कुछ ना कुछ ऐसा काम कर रहे है जिससे आपको याद रखा जाएगा वो काम बुरा भी हो सकता है और अच्छा भी हो सकता है।
आप चाहे कितने भी अच्छे काम कर लें बस एक बुरा काम आपके सभी अच्छे कामों को और आपको बुरा इंसान बनाने के लिए काफी है अब ये आप पर निर्भर करता है की आपको एक अच्छे इंसान के रुप में याद किया जाए या फिर बुरे इंसान के रुप।
अगर आप अच्छा काम करेंगे तो लोग आपको जिंदा रहने पर ना सही पर मरने के बाद जरुर याद करेंगे!
डायनामाइट यानि बारूद, इस कहानी से आपको यह भी पता चला होगा की डायनामाइट का अविष्कार Alfred Nobel ने किया था!
Thomas Edison – American Inventor (अमेरिका अविष्कारक थॉमस एडिसन की Safalta Ki Kahani)
शायद थामस एडिसन का नाम तो आपने सुना होगा! अगर नहीं सुना है तो मैं बता देता हूं की थॉमस एडिसन एक जाने – माने अमेरिकन अविष्कारक थे इस अमेरिकन वैज्ञानिक ने हजार से भी अधिक अविष्कार किये है।
जैसे बिजली के बल्ब के क्रांतिकारी अविष्कार ने थॉमस एडिसन को रातोंरात प्रसिद्ध कर दिया था उन्होंने विद्युत बल्ब और फोनोग्राफ जिसे वर्तमान में ग्रामाफोन और रिकॉर्ड प्लेयर के नाम से भी जाना जाता है इनके अलावा Thomas Edison ने और भी अनके युक्तियाँ का अविष्कार किया है जिनसे संचार भर में लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव हुआ।
जिसकी प्रतिभा का पूरी दुनिया ने लोहा माना है थॉमस एडिसन को अपनी प्रतिभा की वजह से ही जीनियस बुलाया जाता है।
अब आपको पता चल गया होगा की Thomas Edison कौन थे आईये अब जानते है एक ऐसी घटना के बारे में जिससे थॉमस की माँ ने उसे एक महान वैज्ञानिक बना दिया।
Zindagi Badlne Wali Hindi Story – जिंदगी बदलने वाली कहानी
एक बाद थॉमस अपने विद्यालय से घर पहुंचे और अपने माँ को एक चिट्ठी देते हुए बोला – माँ मैडम ने कहा है की ये चिट्ठी सिर्फ अपनी को देना! एडिसन की माँ ने चिट्ठी खोली और पढ़ते-पढ़ते रोने लगी।
एडिसन ने अपनी माँ से कहा – माँ आप रो क्यों रही है और इस चिट्ठी में क्या लिखा है! थॉमस की माँ ने कहा की बेटा इसमें लिखा है की आपका बेटा पढ़ाई में बहुत समझदार है हमारे ख्याल से यह स्कुल आपके जीनियस बच्चे के हिसाब से बहुत छोटा है और इस स्कुल में ऐसी टीचर नहीं है की एडिसन को उसकी बुद्धिमत्ता के हिसाब से ज्ञान दे सकें।
कुछ वर्षों बाद एडिसन की माँ की मौत हो गई और तब तक थॉमस एडिसन बहुत बड़े वैज्ञानिक बन चुके थे! एक दिन थॉमस अपने घर पर चिट्ठी बॉक्स में पड़ी कुछ पुरानी चिट्ठीयों को देख रहे थे।
तभी उनकी नजर उस चिट्ठी पर पड़ी जो स्कुल के दिनों बचपन में थॉमस को टीचर ने माँ को देने के लिए कहा था! जब थॉमस ने उस चिट्ठी को पढ़ा तो वो हक्के-बक्के रहे गये।
क्योंकि उस चिट्ठी में लिखा था की “आपका बेटा दिमागी तौर पर बीमार है हमारे टीचर उसे और नहीं पढ़ा सकते और हम उसे विद्यालय से निकाल रहे है प्लीज आप थॉमस को घर पर ही पढ़ना शुरू कर दें!”
उस चिट्ठी को पढ़ने के बाद थॉमस एडिसन बहुत भावुक हुए और उन्होंने इस चिट्ठी के बारे में एक किताब में जिक्र किया की “Thomas Edison दिमागी तौर पर एक बीमार बच्चा था जिसे उसकी माँ ने एक बहुत बड़ा वैज्ञानिक बना दिया था!”
निष्कर्ष
इस सफलता की छोटी kahani से हमें बहुत सीख मिलती है! जो हमें साफ दिखाई दे रही है की किसी को भी उसकी कमियों के बारे में नहीं बताना चाहिए।
क्योंकि जब कोई आपको आपकी कमियों लगातार बताता है तो धीरे – धीरे आपका आत्मविश्वास कम होने लगता है और आप अपने अंदर की ताकत को पहचान नहीं पाते है जिससे आप अपने आप पर विश्वास नहीं रखते है और किसी काम को पूरा करने का हौसला खो देते है।
और यह बात है क्योंकि जब आप कोई काम कर रहे है और कोई आपसे कहे की आप अच्छा कर रहे है तो आप और अच्छा करने की कोशिश करने लगते है मतलब आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
थॉमस की ने अच्छा किया क्योंकि अगर वो थॉमस को उसकी कमी के बारे में बता देती तो वो कभी अविष्कारक नहीं बन पाते जो बात थॉमस समझ गए और इसलिए उन्होंने कहा की “थॉमस एडिसन दिमागी तौर पर बीमार था और फिर उसे उसकी माँ ने एक महान वैज्ञानिक बना दिया।
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आशा करता हूं आपको इन 2 प्रेरणादायक कहानियों से अच्छी सीख मिली होगी अगर हां तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर share जरुर करें ताकि आपकी वजह से कोई और भी Life Badalne Wali Kahani पढ़ सकें।
प्रदीप चौरसिया
मैं भी नया कहानी बनाना चाहता हू
maya pander
sir aapke vicharo ko pd kr bhut himat milti hai thanks sir